पटना : भाजपा के सीनियर लीडर व साबिक़ नायब वजीरे आला सुशील कुमार मोदी ने वजीरे आला नीतीश कुमार की एलानात पर चुटकी लेते हुए कहा है कि जब ‘टाटा-बाय-बाय’ का वक़्त आया तो वे वादों का पहाड़ खड़ा कर बिहार की अवाम को झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि मुद्दत के आखरी वक़्त में किये गये उनके वादों पर कोई यकीन नहीं करेगा।
बिहार में 35 साल में महज़ सात साल एनडीए, जबकि 28 साल कांग्रेस, राजद व जदयू की अलग-अलग सरकारें थी, गुजिशता दो साल से तीनों साथ मिल कर राज कर रहे हैं। उन्हें बताना चाहिए कि इंतिख़ाब का एलान होने में जब 10 दिन बचा है, तो जो वादे वह कर रहे हैं, 10 सालों तक वजीरे आला रहते उसे पूरा क्यों नहीं किया।
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि मिशन इंसानी तरक़्क़ी, कौशल विकास मिशन और ज़िराअत रोड मैप क्यों फेल हो गया। ऐलान की गयी इंजीनियरिंग, पोलिटेक्नीक, आइटीआइ, मेडिकल कॉलेज तो खुल नहीं पाये जो खुले भी उनमें इंन्फ्रास्ट्रर की तरक़्क़ी और असातिज़ा की तकर्रुरी तक क्यों नहीं हो पायी। साल 2013-14 में रियासत के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में तालिबे इल्म का दाखिला क्यों नहीं हुआ और पूरा सेशन खाली क्यों चला गया। रियासत के इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों में सीटें खाली क्यों रह गयी। एलान के बाद भी किसानों को ब्याज ग्रांट नहीं देनेवाली हुकूमत तालिबे इल्म को कर्ज के ब्याज पर ग्रांट दे पायेगी।
मोदी ने कहा कि दरअसल वजीरे आजम नरेंद्र मोदी ने बिहार की तरक़्क़ी के लिए 1॰ 65 लाख करोड़ का पैकेज देकर इतनी बड़ी लकीर खींच दी हैं कि नीतीश कुमार नर्वस हो गये हैं। वे चाहे कितने भी विजन डॉक्यूमेंट बना लें, बिहार की अवाम बेवकूफ नहीं है। अवाम यह अच्छी तरह से समझ चुकी है कि लालू यादव और कांग्रेस से हाथ मिलानेवाला झांसा तो दे सकता है, तरक़्क़ी नहीं कर सकता है।