कांग्रेस हुकूमत हालाँकि रियासत आंध्रा प्रदेश की बटवारे के मुआमला से ख़ुद को अलग थलग करना चाहती है लेकिन विदुर भा के कुछ क़ाइदीन मर्कज़ी हुकूमत पर दबाव डाल रहे हैं कि रियासत महाराष्ट्रा से विदुर भा को अलग करते हुए उसे एक नई रियासत का दर्जा दिया जाये।
इस सिलसिला में मज़ीद पेशरफ़त करते हुए जवाइंट ऐक्शण कमेटी (JAC) के कुछ अरकान से विदुर भा एसेंबली का एक मस्नूई सेशन भी चलाया जबकि इस मक़सद केलिए यूथ क़ाइद आशीष देशमुख जो साबिक़ रियासती वज़ीर और कांग्रेस क़ाइद रणजीत देशमुख के बेटे हैं, आज से ग़ैर मुऐयना मुद्दत की भूक हड़ताल भी करेंगे।
दो रोज़ा मस्नूई एसेंबली सेशन में एक मौजूदा एम एल ए अनील बोंडे और पाँच साबिक़ लेजिस्लेटर्स वामन राव चटाप, सरोजका शेखर, रमेश गजबे, राजिंदर पटनी और भोला भाडील ने हिस्सा लिया। आशीष चौधरी ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत को चाहिए कि अलाहदा तेलंगाना और अलाहदा विदुर भा रियासतों की तशकील के अमल को मुशतर्का तौर पर अंजाम दे।
आशीष के वालिद रणजीत देशमुख महाराष्ट्रा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साबिक़ सदर हैं। उन्होंने कहा कि अब विदुर भा के अवाम केलिए करो या मरो की सूरत-ए-हाल पैदा होगई है क्योंकि अलाहदा विदुर भा रियासत या तो अभी ले लो या फिर कभी नहीं।