कालाहांडी: ओडिशा में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई है। कालाहांडी जिले की गोलामुंडा तहसील स्थित डोकरीपाड़ा में मदद नहीं मिलने के कारण चार बहनों को अपनी का मां का अंतिम संस्कार करना पड़ा। 80 साल की विधवा कनक सत्यापथी की मौत शनिवार की रात को हो गई थी। उसके बाद कथित तौर पर मृतक महिला की चार बेटियों ने अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय लोगों से कंधा देने की अपील की। मगर कोई सामने नहीं आया। अगले दिन तक बेटियों ने इंतेजार किया, जब कोई नहीं आया तो उन्होंने खुद अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। मां के शव को उल्टी खटिया पर रखा पर लादकर,सिर पर उठाया और श्मशान ले गईं।
इतना ही नहीं, जब लड़कियों को मां के शव को जलाने के लिए लकड़िया नहीं मिलीं तो उन्होंने अपने घर की छत को तोड़ा और उससे लकड़ी निकाल अपनी मां का शवदाह संस्कार किया। महिला की चार बेटियों में से दो विधवा हैं और बाकी दो लड़कियों के पतियों ने उन्हें छोड़ दिया है। वे सभी अपना पेट भरने के लिए भीख मांगने का काम करती हैं। ओडिशा का कालाहांडी जिला इससे पहले तब चर्चा में रहा था जब दानामाक्षी की घटना सामने आयी थी। दानामाक्षी अपनी पत्नी की लाश कंधे पर रखकर करीब 12 किलोमीटर तक पैदल चले थे। घटना की वीडियों सोशल मीडिया पर आने के बाद सरकारी व्यवस्था पर काफी सवाल उठे थे।