विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार राहुल गांधी के रुतबे को बढ़ा देगी!

7 दिसम्बर को आए अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा पर कांग्रेस की बढ़त दिखाई गई है। ये नतीजे 2019 के लोकसभा चुनाव की दिशा और जनता का मिजाज तो सामने रखेंगे ही, साथ में पी.एम. नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता की कसौटी भी होंगे।

अगर यही नतीजे 11 दिसम्बर को आए तो इसके क्या मायने होंगे और 2019 के लिए ये क्या संकेत देंगे? क्या मोदी की राह मुश्किल व राहुल की राह आसान हो जाएगी?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए पहली बार एग्जिट पोल्स में भाजपा के सामने बड़ी सफलता मिलने का अनुमान है। अगर 11 दिसम्बर को यही नतीजे रहे तो राहुल गांधी को आम चुनाव से ठीक पहले सफलता का टॉनिक मिलेगा जिसकी कांग्रेस को सख्त जरूरत थी।

इससे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल स्थापित होंगे और विपक्षी दलों के बीच उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी। चूंकि कांग्रेस एम.पी., राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बिना किसी चेहरे के उतरी थी। ऐसे में अगर कांग्रेस जीतती है तो उसका सेहरा राहुल के सिर ही बंधेगा।

एग्जिट पोल्स के हिसाब से नतीजे आए तो ये ब्रैंड मोदी पर भी असर डालेंगे। पी.एम. नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों में जाकर रैलियां कीं और राजस्थान में तो पूरा जोर लगा दिया था।

भाजपा भी पूरे प्रचार में इसी पर फोकस कर रही थी कि 2019 में फिर से मोदी को लाने के लिए इन राज्यों में भाजपा की जीत जरूरी है। कांग्रेस अगर इन राज्यों में भाजपा को मात देने में सफल होती है तो यह मोदी की उस अजेय इमेज को बुरी तरह तोड़ेगा जो इमेज भाजपा दिखाने की कोशिश करती रही है।

राजस्थान में सी.एम. वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ नाराजगी की बात सामने आती रही है। उन्हें हटाने की भी चर्चा हुई लेकिन केंद्रीय नेतृत्व को चुनौती देते वह जमी रहीं।

टिकट वितरण में भी उनकी चली। प्रदेश अध्यक्ष भी अपने हिसाब से तय किया लेकिन जिस तरह एग्जिट पोल्स के नतीजे, जो उनके खिलाफ दिख रहे हैं, अगर सही हुए तो उनके नेतृत्व पर सवाल उठेंगे। पार्टी उन्हें हटा भी सकती है। वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्यवर्धन राठौर जैसे नेताओं को भाजपा राजस्थान में आगे कर सकती है।