विपक्ष की सपा पर तीखा निशाना, किसी ने चार दिनों का मेहमान बताया तो किसी ने फ़ैमिली ड्रामा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां शासक परिवार विभाजित होने के कगार पर है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। भाजपा, बसपा और कांग्रेस ने एक साथ सपा पर तीखा हमला बोला है। किसी ने इसे पारिवारिक ड्रामा करार दिया, तो किसी ने अखिलेश सरकार को चार दिन का मेहमान बताया।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ‘प्रदेश में संवैधानिक संकट है, अखिलेश सरकार अल्पमत में आ गई है, उसे बहुमत साबित करना चाहिए। चार मंत्रीयों के बर्खास्त होने से समस्या का समाधान नहीं होगा, अखिलेश सरकार को जनता बर्खास्त करेगी।
मौर्य ने कहा कि चाचा भतीजे की लड़ाई में पूरे राज्य भंवर में फंसती नजर आ रही है। सदस्य अखिलेश के पक्ष में हैं या शिवपाल के पक्ष में, यह अनुभव सदन में ही हो सकता है। सत्ता का दुरुपयोग करके हजारों करोड़ के जमा धन की लूट चार साल तक राज्य में होती रही, तो मुख्यमंत्री चुप क्यों रहे।
बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चाचा भतीजे की लड़ाई विकास के बजाय विनाश की ओर ले जा रही है। यह सरकार तीन चार दिन में बर्खास्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अब अपने अस्तित्व के अंत की ओर है। सपा का कहीं नाम नहीं रह गया है। सपा सरकार में मौजूदा विवाद लूट के पैसे के बंटवारे को लेकर हो रहा है, जिस में राज्य पिस रही है।
मिश्रा ने कहा कि विकास की सारी योजनाएं सैफई और उनके परिवार को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं। एक्सप्रेसवे को देखिए जो इन क्षेत्रों से होकर गुजर रही है, सैफई हवाई अड्डे उन्हीं के परिवार के लिए बना है और सैफई में ही पांच छह सौ करोड़ रुपये की लागत से हर साल सैफई महोत्सव मनाया जाता है।
इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह सपा का अंदरूनी मामला है। इसका जनता से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस के ही दूसरे प्रवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार की विदाई लगभग तय है। यह परिवार का नाटक है। वास्तविक समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए सपा नाटक कर रही है।
गौरतलब है कि रविवार को सुबह से ही यूपी में राजनीतिक घटनाएँ पल पल में बदलते रहे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुबह शिवपाल सहित चार बड़े मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया, तो मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।