अपोजीशन को अगर अफसोस है तो कह दे, शराबबंदी गलत है : नीतीश कुमार

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि घर में शराब पकड़े जाने पर आखिर किसे जिम्मेवार ठहराया जायेगा. कानून को लागू करने के लिए पुलिस तंत्र को कैसे खत्म किया जा सकता है. तंत्र गलत करेगा तो उसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है. किसी घर में शराब पकड़े जाने पर कैसे मान लिया जाये कि सभी को पकड़ा जायेगा. कुमार ने कहा कि मैं उपदेशकों से जानना चाहता हूं कि शराब के लिए जिम्मेवार को कैसे पकड़ें? विपक्ष से कहा कि यदि अफसोस हो रहा है ताे कह दीजिए कि शराबबंदी गलत है. झारखंड जाने पर तकलीफ हो रहा है. हमने तो झारखंड, पश्चिम बंगाल और यूपी को पत्र लिखा. झारखंड ने तो सीमा पर शराब का कोटा बढ़ा दिया. हिंदूवाद की बात करते हैं. हमने आरएसएस प्रमुख से इस मामले में उनका स्टैंड पूछा है. वे लोग मेरा मजाक बना रहे हैं. लगातार उनको बोलने की आदत है.

शराबबंदी पर सुशील मोदी के बयानों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चार-पांच दिनों में ही शराबबंदी का माहौल बन गया, तो हमने विदेशी पर भी प्रतिबंध लगा दिया. उन्होंने कहा कि इन लोगों का 80 प्रतिशत मीडिया पर कब्जा है. एक ही दिन में कई-कई बयान देते रहते हैं. सोशल मीडिया पर हमलोगों के पक्ष में एक कोई लिखता है तो उसे एक सौ लोग मिल कर गाली देता है.

ऐसे में अकेले संजय सिंह कितने का जवाब देंगे. विपक्ष पर शराबंदी के मामले में भ्रम फैलाने का मास्टर बताते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग नशाबंदी अभियान को बदनाम कर रहे हैं. हमलोगों ने महागंठबंधन में विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग धर्म की बात करते हैं. वे कहते हैं कि ईसाई समुदाय के लोग प्रसाद के रूप में शराब लेते हैं, उन्हें पता नहीं है कि आज से पांच हजार साल पहले द्वारिका में शराबबंदी हुई थी.

भाजपा के बहिष्कार के बाद विपक्ष में बैठे में निर्दलीय देवेश चंद्र ठाकुर से सीएम ने कहा कि आप कहां चले गये देवेश जी? हालांकि किसी के जाने से हम पर कोई असर नहीं पड़ता है. हमारे पार्टी से कई लोग बाहर जाकर गाली देते रहे. हम धैर्य रखते हैं. हम पर इसका असर नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का साल है. हमें महात्मा गांधी को शराबबंदी कर श्रद्धांजलि देना चाहिए.

उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि केंद्रीय मंत्री को कोई विशेष काम नहीं होता है. उधर, राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा के मुद्दे पर भाजपा ने विधान परिषद में हंगामा किया. शून्यकाल में भाजपा सदस्यों ने बेल में आकर जमकर सरकार विरोधी नारे लगाये. सदन में हंगामा को देखते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने 2.30 बजे तक लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.