पुलिस के हाथों ऐपल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक की हत्या की जानकारी होते ही कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन शनिवार दोपहर न्यू हैदराबाद स्थित उनके घर पहुंचे। कुछ देर घरवालों से बात की, फिर विवेक को श्रद्धांजलि देने शव की तरफ मुड़े तो लोगों ने उन्हें घेर लिया और सवालों की झड़ी लगा दी। इस बीच धक्का-मुक्की भी शुरू हो गई। इस पर पुलिस ने लोगों को हटाया। इसके बाद मंत्री पुलिस घेरे में ही गाड़ी तक पहुंचे और वहां से निकल गए।
कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन दोपहर करीब डेढ़ बजे विवेक के घर पहुंचे। उनके पहुंचते ही एलयू छात्रों और कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की पदाधिकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। मंत्री सीधे डीएम कौशलराज शर्मा और एसएसपी कलानिधि नैथानी के साथ एक कमरे में गुफ्तगू करने चले गए। वहां विवेक के परिवारीजन भी थे। बातचीत के बाद करीब साढ़े तीन बजे वह बाहर आए और विवेक के शव की तरफ बढ़े। तभी वहां मौजूद लोगों ने उन्हें घेर लिया। काला फीता बांधे एलयू छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी तो महिला प्रकोष्ठ सदस्यों ने कानून-व्यवस्था पर सवाल शुरू कर दिए।
मीडिया ने भी सवाल किए तो मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि परिवारीजनों ने दोबारा एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है। उसे पूरा किया जाएगा। इसके अलावा विवेक की पत्नी को नौकरी देने पर विचार हो रहा है। मामले की जांच के लिए आईजी जोन के निर्देशन में एसआईटी गठित कर दी गई है। यह सवाल उठा कि सरकार के प्रतिनिधि विवेक के परिवारीजनों पर समझौते का दबाव बना रहे हैं। इस पर मंत्री कुछ नहीं बोले और आगे बढ़ने लगे। तभी लोगों ने फिर घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर वह गाड़ी की तरफ जाने लगे, लेकिन विरोध के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। यह देख पुलिसकर्मियों ने लाठियां फटकार प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इसके बाद सिक्यॉरिटी गार्डों ने उन्हें स्कॉर्ट कर गाड़ी तक पहुंचाया।
चुप्पी साधे रहे बीजेपी के स्थानीय नेता
घटना के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ता और एलयू के छात्र हंगामा कर रहे थे, जबकि बीजेपी के स्थानीय नेता छिपते नजर आए। हालात यह थे कि बीजेपी नेता किसी को अपनी पहचान तक बताना नहीं चाह रहे थे। इस दौरान सपा, समाजवादी सेक्युलर मोर्चा और लोकदल कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया और सीएम योगी आदित्यनाथ व बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की।