नई दिल्ली: राज्य मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने राष्ट्रीय उर्दू कौंसिल की विश्व उर्दू सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि उर्दू संपर्क से बढ़कर मुहब्बत की भाषा है, आम उपयोग का ये आलम है कि गांव देहात में जहां के लोग अंग्रेजी का आम शब्द भी नहीं समझ सकते वहां उर्दू में बात करने वाला अपनी बात आसानी से समझा भी सकता है और समझा भी सकता है। अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उर्दू का इस देश से सांस्कृतिक रिश्ता है और उनके मंत्रालय ही नहीं मौजूदा सरकार भी इसके विकास के लिए कटिबद्ध है। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी उर्दू की सेवा करने वाले देशी और विदेशी मेहमानों को नेक तमन्नाएँ पेश कीं।
इस से पहले कौंसिल के निदेशक इरतज़ा करीम ने बताया कि ‘उर्दू जबान और साहित्य’ को बढ़ावा देने पर आयोजित इस विश्व उर्दू सम्मेलन का उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर करने वाले थे, लेकिन उन्हें अपरिहार्य कारणों से मुंबई जाना पड़ा। कौंसिल के प्रमुख ने मंत्री से अपनी बातचीत के बारे में बताया कि श्री जावड़ेकर ने कहा है कि वह समारोह के उद्घाटन में अपनी कुछ देर की उपस्थिति की जगह अब सम्मेलन के अंतिम दिन उर्दू के प्रतिनिधियों के साथ तब तक बैठेंगे जब तक वह उर्दू को बढ़ावा देने के प्रयासों में सरकारी सहभागिता को लेकर संतुष्ट नहीं हो जाते।
डॉक्टर उदित राज, सैयद अशरफ, शमशुर रहमान फ़ारूक़ी और पी इनामदार भी समारोह में उपस्थित थे।