विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) की यात्रा को एक और झटका लगा है। वीएचपी के क़ाइद अशोक सिंघल, प्रवीण तोगाडिया और दीगर 70 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के के दूसरे दिन आज अदालत में यूपी हुकूमत के खिलाफ उनकी अर्जी भी नामंजूर हो गयी है।
वीएचपी की 84 कोसी परिक्रमा यात्रा पर पाबंदी हटाने की एक दरखास्त पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बैंच ने इसे ख़ारिज कर दिया है। इस यात्रा पर रियासती हुकूमत की जानिब से लगाई गई रोक के खिलाफ एक वकील ने दरखास्त दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि यह रोक उसे मजहबी काम करने के लिए मिले दस्तूरी हक के खिलाफ है। कोर्ट ने दरखास्तगुज़ार की दलीलों को नामंजूर कर दिया।
वीएचपी की यात्रा के मद्देऩजर अयोध्या को छावनी में बदल दिया गया है। उत्तर प्रदेश हुकूमत ने अयोध्या की 300 किलोमीटर की यात्रा पर रोक लगा रखी है, लेकिन वीएचपी यात्रा करने पर अड़ी हुई है, जिसके चलते वहां टकराव की हालत बनी हुई है।
हुकूमत ने साफ पै़गाम दिया है कि अगर परिक्रमा की कोई कोशिश हुई, तो सख्ती से निबटा जाएगा। यात्रा के रास्ते में आने वाले छह जिलों में पहले से ही दफा 144 लागू है, ताकि भीड़ जमा नहीं हो सके। इसके लिए अलग से 1600 पुलिस और नीम फौजी दस्ते मंगाए गए हैं।
जिला इन्तेज़ामि ने 6,000 पुलिस के जवान और अफसर तैनात किए है और फैजाबाद ज़िले की ओर जाने वाली 42 सड़कों पर बैरिकेड लगाए हैं। इसके साथ ही पुलिस की नजर जाफरानी नेताओं पर भी है। अशोक सिंघल को इलाहाबाद में पहले नजरबंद किया गया, फिर दो घंटे बाद दिल्ली जाने की इजाजत मिल गई।
चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने कल जुमे को अपने सारे प्रोग्राम रद्द कर दिए और इन्ते़जामिया और सियासी बैठकों के दौर चलते रहे।