असम में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया। असम में मुस्लिम मतदाता कई साल से जिन बातों को दोहरा रहे हैं इस बार भी उनके द्वारा इन मुद्दों को ज़ोरदार ढंग से उठाया गया है |
क्विंट ने अपने एक सर्वे में दिखाया है की किस तरह से असम के मुसलमानों को प्रवासियों या जाली मतदाता बताकर अपनी पहचान साबित करने में नाकाम किया गया है। हालांकि उनमें से कई भारतीय मूल के हैं।
असम की आबादी का लगभग 34 प्रतिशत मुसलमान हैं जिसका मतलब है कि असम वर्तमान में तीन लोगों में से एक मुस्लिम है। यह जम्मू और कश्मीर के बाद मुसलमानों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। चौंतीस में से नौ जिलों में मुसलमान बहुमत में हैं। और लगभग 35 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोट विजेता का फैसला करेंगें |
11 लाख की मुस्लिम आबादी में असमिया भाषी मुसलमानों (स्वदेशी मुसलमान) और बंगाली बोलने वाले (अवैध आप्रवासियों होने का आरोप लगाया गया है ) शामिल हैं ।
पूरे असम में मुसलमान फैले हुए हैं जबकि , जबकि ईस्ट बंगाल मूल के मुसलमान आम तौर पर ब्रह्मपुत्र घाटी के निचले और माध्यम हिस्सों के साथ बराक घाटी में मौजूद हैं |