अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी की एकेडेमिक कौंसल ने इस यूनीवर्सिटी के वीमनस कॉलिज को एक मुकम्मल और बाइख़तियार यूनीवर्सिटी का दर्जा देने की एक तजवीज़ को आज खारिज कर दिया। इस कौंसल में अपने बैठक में ये फ़ैसला किया।
कौंसल के कुछ अरकान ने पिछ्ले साल ये तजवीज़ पेश की थी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के तर्जुमान राहत इबरार ने कहा कि इस हक़ीक़त की बुनियाद पर ये फ़ैसला किया गया है कि यूनीवर्सिटी की तरफ से ऐसी कोई तजवीज़ क़बूल करना नामुनासिब होगा जो मादर इदारा की तक़सीम का सबब बिन सकती है।
तर्जुमान ने कहा कि मज़कूरा वीमनस कॉलिज जो एक स्कूल की हैसियत से 1906 में शुरू किया गया था। हिंदूस्तान में तालीम-ए-निस्वाँ के शोबे में एक बावक़ार तासीसयादारा की हैसियत रखता है।
डाँक्टर राहत इबरार के मुताबिक़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी, ख़वातीन बिलख़सूस मुस्लिम ख़वातीन केलिए एक मुकम्मल यूनीवर्सिटी के क़ियाम की तजवीज़ की मुख़ालिफ़ नहीं है।