वीरप्पा मोईली आलमी तनज़ीमी तालीम चैलेंजस

वीरप्पा मोईली आलमी तनज़ीमी तालीम चैलेंजस और मवाकों पर एक समिनार से ख़िताब कर रहे थे। जंदाल ग्लोबल बिज़नस स्कूल की तरफ‌ से बी बी ए । एम बी ए प्रोग्राम का इफ़्तिताह(उद्घाटन) करने के बाद वीरप्पा मोईली ने कहा कि हमें यूनीवर्सिटी तालीम में भी इस्लाहात लाने की ज़रूरत है ।

कर्नाटक में यूनीवर्सिटी तालीम पर तवज्जु देते हुए वहां 6 यूनीवर्सिटीयां क़ायम करने(बनाने) केलिए वो काम कर रहे हैं। इस सिलसिले में हुकूमत कोई समझौता नहीं करेगी। माहिरीन तालीम केलिए पै पैकेजस पर भी हुकूमत को कोई समझौता नहीं करना चाहीए। मैं तमाम(सारे) तालीमी इदारों से कहता हूँ कि वो माहिरीन तालीम को तनख़्वाहें अदा करने के मसले पर कोई समझौता ना करें।

यू पी जंदाल ग्लोबल यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर सी राज कुमार ने भी इज़हार तास्सुब किया कि आला आलमी यूनीवर्सिटीयों फ़हरिस्त(लीस्ट‌) में हिंदूस्तानी यूनीवर्सिटीयों का नाम नहीं है। हिंदूस्तानी यूनीवर्सिटीयों को आलमी सतह पर तालीमी मैदान में नाम कमाने केलिए इस्लाहात लाने की ज़रूरत है।

उन्हों ने कहा कि मुतअद्दिद एशियाई मुल्कों में तालीमी इदारे क़ायम है। ये इदारे अपने कारकर्दगी का बेहतर मुज़ाहरा कर रहे हैं । इस के साथ साथ इन इदारों को तालीमी निज़ाम में इस्लाहात लाने की ज़रूरत पर तवज्जु देना चाहीए ताकि आलमी मयारात को पूरा किया जा सके।