अपने ब्यान के बाद विपक्ष के निशाने पर आये वीके सिंह के बचाव में भाजपा उतर आई है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस गोएबल्स की नीतियों पर चल रही है। लेकिन वह खुद ही जनता की नजरों में बेनकाब हो गई है। असहिष्णुता पर चर्चा खत्म हुई तो उन्होंने ने वीके सिंह को अपना निशाना बना लिया है। विपक्ष ने वीके पर आरोप लगाया कि उन्होंने ने दलितों का आपमान बताया और कथित तौर पर समुदाय की तुलना कुत्ते से की है। राहुल गांधी ने इसे संविधान का अपमान करार दिया। राज्यसभा की कार्यवाही दो दिनों तक इस मुद्दे पर स्थगित रही। ऐसे में शनिवार को भाजपा मोर्चे पर आई और पार्टी के दलित नेता व प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने मोर्चा संभाला। उन्होंने राहुल को चुनौती देते हुए कहा कि वह बताएं कि संविधान का अपमान कैसे हुआ? वीके सिंह ने दलितों के बारे में कोई आपत्तिजनक बात नहीं की। कुछ लोगों ने उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया और उस पर राजनीति हो रही है। दूसरे प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने राहुल को घेरते हुए कहा कि झूठ का सिक्का बार बार नहीं चल सकता है। जनता होशियार है और बेंगलुरु में राहुल को यह बता भी दिया था। छात्रों ने मोदी सरकार पर गलत आरोप लगा रहे राहुल के सवालों को नकार दिया था। गौरतलब है कि राज्यसभा में कांग्रेस और बसपा के बीच इस विरोध का श्रेय लेने की होड़ चल रही है। अगले डेढ़ साल में उत्तर प्रदेश में इलेक्शन है और कुर्सी को लेकर दोनों पार्टियो में खीच-तान चल रही है। बसपा नहीं चाहेगी कि दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस आगे दिखे।