वज़ीर-ए-आला तमिलनाडू जया ललीता ने अपने मौक़िफ़ पर अटल रहते हुए एक अहम ब्यान दिया और कहा कि मर्कज़ मुजव्वज़ा नैशनल काउंटर टेरारिज़्म सेंटर (NCTC) पर मुख़्तलिफ़ रियास्तों के वुज़राए आला से मुशावरत किए बगै़र पेशरफ़त नहीं कर सकता।
अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम नहीं समझते वुज़राए आला से मुशावरत के बगै़र इस अहम तजवीज़ पर पेशरफ़त की जाएगी क्योंकि इस ताल्लुक़ से हमें जो भी महसूस होगा हम इस का बरमला इज़हार करेंगे जिस के लिए क़ानून ने भी हमें ये हक़ दे रखा है।
याद रहे कि सिर्फ एक रोज़ क़ब्ल राज्य सभा में NCTC पर अपोज़ीशन की जानिब से तरमीम का मुतालिबा एस पी और बी एस पी की बैरूनी ताईद की वजह से पूरा नहीं हो सका। इलावा अज़ीं यू पी ए की हलीफ़ तृणमूल कांग्रेस भी मर्कज़ी हुकूमत के तआवुन में पेश पेश थी।
जया ललीता ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि NCTC की तशकील मलिक के आईनी और वफ़ाक़ी ढांचा पर ज़रब कारी है। याद रहे कि क़ब्लअज़ीं जया ललीता ने वज़ीर-ए-आज़म को भी एक मकतूब तहरीर करते हुए मुतालिबा किया था कि मर्कज़ को मुवासलाती तरीक़ा से तमाम वुज़राए आला से मुशावरत के तरीका-ए-कार को अपनाने की ज़रूरत थी।
उड़ीसा के वज़ीर-ए-आला नवीन पटनायक और मग़रिबी बंगाल की वज़ीर-ए-आला ममता बनर्जी पहले ही NCTC के मुख़ालिफ़ हैं। इनके साथ शामिल होते हुए जया ललीता ने कहा कि रियास्तों को एतेमाद में लिए बगै़र NCTC पर पेशरफ़त शुरू होने से क़ब्ल ही ख़तम हो जाएगी।
कोन्डाकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट जिसे रियास्ती काबीना की जानिब से मुसबत इशारा मिल चुका है, के बारे में उन्होंने वज़ाहत की कि न्यूक्लियर प्लांट को उन्होंने पहले ही महफ़ूज़ क़रार दिया है जबकि मुक़ामी अवाम उसे ग़ैर महफ़ूज़ तसव्वुर करते हैं।