वाशिंगटन: हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के वुज़राए आज़म न्यूयार्क रवाना हो रहे हैं ताकि अक़्वामे मुत्तहदा की जनरल असेम्बली के इजलास में शिरकत कर सकें। चुनांचे दोनों की मुलाक़ात के इमकानात भी रोशन हो गए हैं। दरीं असनाए अमरीका ने कहा कि दोनों क़ाइदीन को ख़ुद अपनी मुलाक़ात उस के मुक़ाम और वक़्त के बारे में फ़ैसला करना चाहिए।
अमरीका दोनों वुज़राए आज़म की हौसला करेगा । ये क़ाइदीन अगर मुलाक़ात करें तो अमरीका की जानिब से इसका ख़ौरमक़दम किया जाएगा। चाहे ये मुलाक़ात अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के इजलास के दौरान अलाहदा तौर पर हो या फिर उसका फ़ैसला दोनों ममालिक मिलकर करें।
नायब वज़ीर-ए-ख़ारिजा अमरीका बराए जुनूबी-ओ-वसती एशीया नश्शा-ए-देसाई बिस्वाल ने कहा कि इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या अमरीका न्यूयार्क में दोनों वुज़राए आज़म की मुलाक़ात करता है। उन्होंने कहा कि इसका फ़ैसला दोनों क़ाइदीन को ख़ुद करना चाहिए।
अमरीका इस सिलसिले में दोनों वुज़राए आज़म की हौसला-अफ़ज़ाई ज़रूर करेगा। ताहाल हिन्दुस्तान और पाकिस्तान ने दोनों वुज़राए आज़म की अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असेम्बली के इजलास के दौरान अलाहदा तौर पर मुलाक़ात का कोई इशारा नहीं दिया है।