वुज़रा ( मंत्रीगण) और सरकारी ओहदेदारों के बैरून-ए-मुल्क दौरों ( विदेशी यात्रा) के अख़राजात ( खर्चे) में कमी, फाईव स्टार होटलों में इजलासों के इनइक़ाद ( आयोजन) में तख़फ़ीफ़ ( कमी)और वर्कशॉप्स ओ सेमीनार्स के इनइक़ाद (आयोजन) के बजट में 10 फ़ीसद ( प्रतिशत) कमी इन किफ़ायती इक़दामात में शामिल हैं, जो हुकूमत के ज़ेर-ए-ग़ौर हैं।
क्योंकि मुल़्क की मआशी (आर्थिक) सूरत-एहाल (वर्तमान हाल्त) संगीन (सख्त) हो रही है। इलावा अज़ीं ( इससे) इमकान (उम्मीद) है कि मुख़्तलिफ़ ( अलग अलग) स्कीम्स के लिए मुख़तस (दीया जाना/ बाँटना) की जाने वाली रक़म में भी कमी की जाएगी और इज़ाफ़ा रक़म तलब करने से पहले साबिक़ा ( पिछली) रक़म के अख़राजात का ख़ाका पेश करने पर इसरार (गुप्त/ छिपाना) किया जाएगा।
किफ़ायत शिआरी की ये मुहिम दो हिस्सों में तक़सीम ( बाँटना) की जाएगी। पहले हिस्से में इंतेज़ामी अख़राजात में कमी और इसके बाद स्कीम्स के अख़राजात में कमी की जा सकती है। सरकारी ज़राए के बमूजब नई करों की दिफ़ाई (बचाव संबंधी) मक़ासिद( मक्सदों) के लिए ख़रीदारी पर भी तहदीद आइद हो सकती है।
मालिया ( लगान/ राजस्व) दबाव के तहत है। चुनांचे मर्कज़ी वज़ीर फायनेंस परनब मुकर्जी ने चहारशंबा ( बुधवार) के दिन पार्लीमेंट में ऐलान किया था कि हुकूमत ग़ैर मक़बूल किफ़ाएती इक़दामात करेगी ताकि माली मसाएल ( समस्या) से निमटा जा सके। परनब मुकर्जी ने कहा था कि वो कुछ हद तक ग़ैर मक़बूल इक़दामात करने पर मजबूर हैं और चंद किफ़ाएती इक़दामात का ऐलान करेंगे।
इम्कान ( उम्मीद) है कि हुकूमत वुज़रा और सरकारी ओहदेदारों के ग़ैरमुल्की दौरों पर कुछ तहदीदात ( सीमा/limit)आइद करेगी। उसे इकॉनमी क्लास में सफर करने के लिए इसरार (गुप्त रखना / छिपा कर रखना) किया जाएगा। इम्कान (उम्मीद) है कि हुकूमत अख़राजात को माक़ूल बनाने के लिए एक तफ़सीली मंसूबा पेश करे। सरकारी ओहदेदार ने कहा कि इस सिलसिला में फ़ैसला हर स्कीम के अख़राजात ( खर्च) का जायज़ा लेते हुए मुख़्तलिफ़ वुज़रा से मुशावरत के बाद किया जाएगा।
फिज़ूलखर्ची में कमी और माली ख़सारा (माली नुकसान) के तसलसुल ( मुसलसल/लगातार) के इंसेदाद (रोकने / निवारण) के लिए हुकूमत ने गुज़शता ( पिछ्ले) साल (वर्ष) भी ग़ैरमुल्की दौरे कम कर दिए थे।