वृंदावन में नास्तिकों के सम्मेलन पर आस्तिकों का हमला

उत्तर प्रदेश के वृंदावन में नास्तिकों के एक निजी सम्मेलन को विश्व हिंदू परिसद् (बीएचपी) और दूसरे धार्मिक समूहों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस सम्मेलन को शुक्रवार को स्वामी बालेंदु ने बुलाया था। आयोजकों के अनुसार सम्मेलन में 18 राज्यों से 500 लोग से अधिक लोग पहूंचे थे।बीएचपी और स्थानीय धर्माचार्यों ने इसका हिंसक विरोध किया और आयोजन स्थल पर पथराव कर दिया। लोग हाथों में तख्तियां और झंडा लेकर निकले और सम्मेलन में शामिल होने आए लोगों को खदेड़ा। उसके बाद कुछ लोगों ने उनके वाहनों पर हमला करने की कोशिश की।

सम्मेलन रद्द होने के बाद स्वामी बालेंदु ने मीडिया से कहा कि वे सम्मेलन रद्द हो जाने से निराश जरूर हैं पर इसे वो अपनी कामयाबी के तौर पर देखते हैं। उन्होंने कहा कि पांच सौ लोगों के जुटने से धर्म की चूलें हिल गईं। इससे मालूम होता है कि धर्म कितना कमजोर है। दूसरी तरफ विरोध कर रहे विश्व हिंदू परिषद की वृंदावन नगर इकाई के पूर्व अध्यक्ष और धर्म रक्षा संघ के प्रमुख सौरभ गौड़ ने कहा कि वृंदावन में ऐसा कोई कार्यक्रम होने नहीं दिया जाएगा। वृंदावन धार्मिक नगरी है। भगवान कृष्ण की लीला भूमि है। यह करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र है। उसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि अगर नास्तिक समूहों को सम्मेलन करना ही था तो कहीं और जाकर करना चाहिए था। यह अच्छा हुआ कि कार्यक्रम रद्द हो गया वरना आज बड़ा कांड होता।

एक स्थानीय धार्मिक नेता फूल डोल दास महाराज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि स्वामी बालेंदु का दावा कि सभी धार्मिक ग्रंथ काल्पनिक हैं और इसका इस्तेमाल केवल मनोरंजन के लिए होता है काफी निंदनीय है। बालेंदु का यह बयान हिंदू धर्म के खिलाफ है और इसलिए उन जैसे लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। वहीं स्वामी बालेंदु ने कहा कि वो अपनी मुहिम जारी रखेंगे।