वेक्सीनेशन से बच्चों की जिंदगी से खेल रहे अस्पताल व क्लिनिक

रांची : रांची में वेक्सीनेशन के नाम पर कई प्राइवेट अस्पताल और क्लिनिक बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। दो अक्तूबर को एक अखबार में शाए हुये से मुतल्लिक़ रिपोर्ट के बाद डाइरेक्टर की तरफ से तशकील जांच टीम ने रिपोर्ट सौंप दी है़।

मुश्तरका डाइरेक्टर को सौंपी गयी रिपोर्ट में वैक्सीन (टीका) पर सवाल उठाये गये है़ं रिपोर्ट के मुताबिक, कई अस्पातल और क्लिनिक मुखतलिफ़ बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों को दिये जानेवाले वैक्सीन का रख-रखाव सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। वैक्सीन के लिए जरूरी कोल्ड चैन की अमल पूरी नहीं की जा रही है़। इससे वैक्सीन मुकर्रर मेयार पर खरे नहीं उतर रहे हैं। बच्चों को इसे लगाने से कोई फायदा नहीं हो रहा है़।

जांच टीम ने ज़ायजा के दौरान गड़बड़ी होने की इमकान होने पर एक क्लिनिक से वैक्सीन की वाइल जब्त भी की गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक, जांच टीम आठ अक्तूबर को हीनू वाकेय इंदिरा पैलेस में डॉ सुबोध कुमार के क्लिनिक में गयी थी़। तहक़ीक़ात के दौरान डॉ सुबोध कुमार मौजूद नहीं थे। टीम ने वहां मौजूद मुलाज़िम से वैक्सीन का तफ़सीलात मांगा गया़ पर वैक्सीन के खरीद फरोख्त का कोई दस्तावेज नहीं मिला। जांच के दौरान टीम ने पाया कि क्लिनिक में वैक्सीन का रख-रखाव सही तरीके से नहीं होता है़। टीम को पोलियो के वैक्सीन (ट्राइवेलेंट) में गड़बड़ी की इमकान हुई। टीम ने मल्टी डोज वैक्सीन की चार वाइल को जब्त कर ली।

जांच टीम ने सेंटा-विटा अस्पताल की भी जांच की। पाया गया कि ओरल पोलिया के मल्टी डोज से 20 बच्चों को टीका दिया गया। यानी एक यूनिट के टीका से अस्पताल ने 20 बच्चों के अहले खाना से कमाई की। यह गड़बड़ी दारुल हुकूमत के ज़्यादातर अस्पतालों और क्लिनिक में पायी गयी़।

‘‘रिपोर्ट में टीका का रख-रखाव सही से नहीं किये जाने का ज़िक्र है। एक क्लिनिक से वैक्सीन जब्त किया गया है। अस्पताल व क्लिनिक वालों को टीके का सही रख-रखाव करने और बिल देने की हिदायत दिया जायेगा। अगर वार्निंग के बाद भी सुधार नहीं होती है, तो कार्रवाई की जायेगी।
सुरेंद्र कुमार, मुश्तरका डाइरेक्टर , दावा महकमा