रेल मुसाफिरो की सहूलीयत और टिकट निरीक्षकों की हेराफेरी पर काबू करने के लिए रेलवे हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) प्लान को लागू करने जा रहा है। इस इस्कीम/ प्लान को लागू करने के लिए रेलवे बोर्ड ने 908 लाख रुपए भी मंज़ूर कर दिए हैं। तय किया गया है कि इस काम को उत्तर रेलवे शुरू करेगा। इसके साथ ही जिन ट्रेनों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह प्लान शुरू किया गया थी, उनमें यह शूहूलियत मुशतकिल ( स्थायी/Sustainable) कर दी गई है।
हैंड हेल्ड टर्मिनल की मदद से रिजर्वेशन टिकट बुकिंग की योजना अब परवान चढ़ने जा रही है। करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट के काम पूरे हो गए हैं। रेलवे अफसरों के मुताबिक एचएचटी जीएसएम और जीपीएस तकनीक पर मबनी ( निर्धारित) है। ट्रेन में टिकटों की जांच के दौरान मुसाफिर नाट टर्नअप (सफर न करने वाले) होते हैं तो टीटीई एचएचटी के जरिए पीआरएस (पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम) में खाली बर्थ की इत्तेला दर्ज करा देंगे।
अभी ऐसी कोई सहुलीयात नहीं है, जिसमें सफर न करने वाले मुसाफिरों और अगले स्टेशन के कोटे की खाली सीटों की खबर या इत्तेला चलती ट्रेन में मिल सके।
रनिंग ट्रेन के दौरान भी वेटिंग लिस्ट के मुसाफिरो को बर्थ एलाट हो जाएगी। इससे टीटीई को अगले स्टेशन का चार्ट मिलने का इंतेजार नहीं करना पड़ेगा। ट्रेन में ही एचएचटी के जरिए अगले स्टेशन के कोटे की खाली बर्थ दिखने लगेगी। यह बर्थ भी मुसाफिरों को एलाट कर दी जाएगी।
दूसरे मरहले (Stage) में एचएचटी को पीआरएस की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इससे टिकटों की नई बुकिंग, सफर मंसूख कर देने जैसी खिदमात भी मिलने लगेंगी।
इन पाँच ट्रेनो में पायलट प्रोजेक्ट पूरे हुए
-12957/12958 नई दिल्ली-अहमदाबाद स्वर्ण जयंती राजधानी एक्सप्रेस
-12953/12954 मुंबई सेंट्रल-निजामुद्दीन अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस
-19109/19110 वलसाड़-अहमदाबाद गुजरात क्वीन एक्सप्रेस
-12917/12918 अहमदाबाद-निजामुद्दीन गुजरात संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
-12425/12426 नई दिल्ली-जम्मू राजधानी एक्सप्रेस