लैटिन अमरीकी देश वेनेज़ुएला के विरुद्ध अमरीकी प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में विफल हो गया। चीन और रूस के प्रतिनिधियों ने वेनेज़ुएला के विरुद्ध अमरीकी प्रस्ताव को वीटो कर दिया। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार चीन और रूस के प्रतिनिधियों ने सुरक्षा परिषद में वेनेज़ुएला के विरुद्ध अमरीकी साज़िश को विफल बनाते हुए अमरीकी प्रस्ताव को वीटो कर दिया।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, अमरीका ने सुरक्षा परिषद में वेनेज़ुएला में चुनाव कराने और वहां की जनता के सुधार के संबंध में सहायता के लिए प्रस्ताव का मसौदा पेश किया था। चीन और रूस के प्रतिनिधियों ने इस प्रस्ताव के विरुद्ध वोट देकर वेनेज़ुएला के बारे में अमरीका की घिनौनी साज़िशों को विफल बना दिया।
Russia, China use veto to defeat US resolution on #Venezuela at UN Security Council https://t.co/c72vVFzsie pic.twitter.com/na98Krdtsx
— Press TV (@PressTV) March 1, 2019
कुल मिलाकर इस प्रस्ताव के पक्ष में 9 वोट पड़े जबकि रूस और चीन के प्रतिनिधियों ने इसके विरुद्ध वोट दिया। दक्षिणी अफ़्रीक़ा ने मसौदे की विषयवस्तु के विरुद्ध वोट दिया जबकि इंडोनेशिया और आइवरी कोस्ट ने वोटिंग में भाग नहीं लिया।
Venezuela: Two draft resolutions presented in the Security Council on Thursday but neither adopted. https://t.co/SJeDYrT4yd
— United Nations (@UN) March 1, 2019
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प हाल ही में कह चुके हैं कि वेनेज़ुएला के लिए उनके पास बहुत से विकल्प मेज़ पर मौजूद हैं जिनमें से एक सैन्य विकल्प शामिल है।
दूसरी ओर वेनेज़ुएला ने अमरीकी सरकार पर अपने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की बात कही है। वेनेज़ुएला का आरोप है कि वाशिंग्टन, वहां के सरकार विरोधियों को वेनेज़ुएला की सरकार के विरुद्ध उकसा रहा है।
ज्ञात रहे कि वेनेज़ुएला के विपक्षी नेता ने अमरीका की हरी झंडी और कुछ युरोपीय देशों के समर्थन से स्वयं को वेनेज़ुएला का राष्ट्रपति घोषित कर रखा है जबकि क़ानूनी रूप में निकोलस मादूरो ही वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति हैं क्योंकि उनको वहां की जनता से बहुमत से अपना राष्ट्रपति चुना है।