वेबकैम जासूसी, हिंदूस्तानी अमेरीकी को सज़ाए क़ैद और जुर्माना

हिंदूस्तानी अमेरीकी तालिब-ए-इल्म (Student) धरुन रवी को आज एक अमेरीकी जज ने 30 दिन के लिए जेल भेज दिया । जिस पर ये इल्ज़ाम साबित हो गया कि रवी ने अपने कमरे में रहने वाले एक हमजिंस परस्त (समलैंगिक) साथी के मुख़्तलिफ़ हरकात को खु़फ़ीया वेबकैम के ज़रीया फ़िल्म बंद किया था । जिस के मंज़रे आम पर आ जाने के बाद इस नौजवान ने शर्मिंदगी के सबब ख़ुदकुशी कर ली थी ।

जज ने रवी के इस रवैय्या को सफ़ाकाना, मुनज़्ज़म-ओ-मंसूबा बंद अमल क़रार दिया है । रवी को तीन साल तक इस्लाही मर्कज़ में रहने ,300घंटे तक कमीनोटी सरवेस करने के इलावा 10,000 अमेरीकी डालर का जुर्माना आइद किया है और साइबर जराइम में मुलव्विस होने की आदत को तर्क करने के लिए कौन्सिलिंग करने और मुतबादिल(वैकल्पिक) तर्ज़-ए-ज़िदंगी अपनाने की हिदायत भी की गई है ।

न्यू जर्सी में न्यू बुर्नुस विक की मिडल सैक्स कौन्टी की एक अदालत के जज ग्लेन बर्मन ने रुजर्स यूनीवर्सिटी के साबिक़ (भूतपूर्व) तालिब-ए-इल्म (Student) 20 साला रवी के ख़िलाफ़ जानिबदाराना अंदाज़ में डराने धमकाने और शख़्सी(personal) राज़ों तक रसाई के इल्ज़ामात साबित होने के बाद इस सज़ा का ऐलान किया । रवी ने 2010 में अपने एक रुम मेड टायलर कलीमनटी की बाअज़ हरकात को एक खु़फ़ीया वेबकैम के ज़रीया फ़िल्म बंद किया था जिस के मंज़रे आम पर आने के बाद कलीमनटी ने शर्मिंदगी के एहसास के साथ ख़ुदकुशी कर ली थी । इस वाक़िया हमजिंस परस्त मर्द और ख्वातीन के साथ नारवा सुलूक और साइबर जराइम पर क़ौमी बहस छेड़ दी थी ।