हैदराबाद 06 अगस्त: शहर में ग़ैर समाजी और ग़ुंडा अनासिर की गै़रक़ानूनी सरगर्मीयों पर रोक लगाने और आम शहरीयों को पुरसुकून माहौल फ़राहम करते हुए जराइम की रोक-थाम के इक़दामात के तहत पुलिस पीडी एक्ट को लाज़िम क़रार दे रही है। दूसरी तरफ़ पीडी एक्ट चंद पुलिस ओहदेदारों के लिए चांदनी का सबब बन रहा है।
एक एसा ही वाक़िया शहर के वेस्ट ज़ोन इलाके में पेश आया जहां पीडी एक्ट से गुड़ंबा अनासिर को बचाने के लिए एसीपी सतह के ओहदेदार को मुबय्यना तौर पर भारी रक़म अदा की गई।
एक शराब की दुकान के मालिक की अनथक जद्द-ओ-जहद से गुड़ंबा फ़रोख़त करने वाले अनासिर को बचा लिया गया और किसी और को बिल्ली का बकरा बनाते हुए पीडी एक्ट के मुस्तहिक़ शख़्स को महफ़ूज़ कर दिया गया और दरमयानी शख़्स शराब की दुकान के मालिक और डीवीझ़न सतह के इस आला पुलिस ओहदेदार से फैसले के बाद मुबय्यना तौर पर दो कांस्टेबल मुलाज़िमीन ने अपना किरदार अदा किया और रक़म को मुबय्यना तौर पर एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ मुंतक़िल करते हुए अपनी हिस्सादारी हासिल की।
शराब की गै़रक़ानूनी फ़रोख़त के साथ साथ पीडी एक्ट का मुस्तहिक़ तसव्वुर किए जाने वाला शख़्स गुड़ंबे का कारोबार भी करता है और पुलिस उस के ख़िलाफ़ कई मर्तबा कार्रवाई कर चुकी है। पुलिस ओहदेदारों की तरफ से सख़्त-गीर क़वानीन के इस्तेमाल में अपनी चालान बनाने के इक़दामात और एसे कई वाक़ियात पाए जाते हैं। पुलिस ओहदेदारों के इस तरह के किरदार और मशकूक कार्यवाईयों से अवाम में बेचैनी पाई जाती है?।