इंतेख़ाबी इस्लाहात पर तजावीज़ को रूबा अमल लाने ज़ोर देते हुए अन्ना हज़ारे और उनकी टीम ने मुतालिबा किया कि वोटिंग मशीनों में हक़ बाज़ तलबी का इख्तेयार दिया जाए। इसके इलावा दो इलेक्शन कमिश्नर्स को चीफ़ इलेक्शन कमिशनर की तरह दस्तूरी मौक़िफ़ अता किया जाए।
कमीशन से मुलाक़ात के दौरान अन्ना टीम ने उम्मीदवारों को इंतेख़ाबात से रोकने पर ज़ोर दिया जिन पर अदालत ने इल्ज़ामात वज़ा किए हैं। अन्ना के साथ संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी थे।
चीफ़ इलेक्शन कमिशनर एस वाई क़ुरैशी से एक घंटे की मुलाक़ात में इस मौज़ू पर तबादला-ए-ख़्याल किया गया। टीम ने कई मसाइल को उठाया। इनमें ये मसला भी शामिल था कि जब कोई राय दहिंदा किसी उम्मीदवार या उम्मीदवारों के लिए वोट देना नहीं चाहता तो इसके लिए फ़ार्म 49(D) तो शामिल किया जाए ताकि वोटों में शुमार करके बताया जाए कि राय दहिंदों ने फ़लां उम्मीदवारों को मुस्तर्द कर दिया है ।