वोट के लिए चांद मोहम्मद फिर बने चंद्रमोहन

हरियाणा के साबिक नायब वज़ीर ए आला चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद के मोहब्बत के किस्से मीडिया में सुर्खियों में थे। वह मीडिया की सुर्खियों में आते भी क्यों न। उन्होंने इश्क की खातिर अपना मज़हब, सियासत और खानदान सब कुछ जो छोड़ दिया था। हरियाणा के साबिक वज़ीर ए आला भजन लाल के बेटे अब फिर मीडिया के सामने आए हैं। चांद मोहम्मद के नाम से नहीं बल्कि पुराने नाम चंद्रमोहन के तौर पर ।

चंद्रमोहन हरियाणा जनहित कांग्रेस की तरफ से इलेक्शन लड़ रहे हैं और घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। चंद्रमोहन हिसार के नलवा विधानसभा हल्के में तश्हीर प्रचार के दौरान लोगों के घर जाकर कहते हैं, “ताऊ तेरा छोरा आ गया।”

गौरतलब है कि चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद ने साल 2008 में अनुराधा बाली उर्फ फिजा (साबिका असिस्टेंट एडवोकेट जनरल आफ हरियाणा) से शादी करने के लिए मज़हब तब्दील कर लिया था। साल 2009 में दोनों अलग हो गए। तलाक के बाद साल 2012 में फिजा अपने घर पर मुश्तबा हलत हालत में मुर्दा मिली थीं। चंद्र मोहन के लिए उनकी पहली बीवी सीमा बिश्नोई, मां जसमा देवी और बहन रोशनी बिश्नोई भी तश्हीर कर रही हैं।

हालांकि इस सीट से चंद्रमोहन मजबूत उम्मीदवार के तौर पर सामने आ रहे हैं। यहां इनेलो से साबिक राज्यसभा रूकन रणबीर सिंह गंगवा, कांग्रेस से साबिक वज़ीर ए दाखिला और मौजूदा एमएलए संपत सिंह और भाजपा के हरिसिंह इंतेखाबी मैदान में हैं।

लोगों का कहना है कि बिश्नोई का झगड़ा पुरानी बात हो गई हैं। वे अपना भाई कुलदीप बिश्नोई से ज्यादा मिलनसार हैं। जब इलाके के लोग उनसे मिलने उनके घर जाते हैं तो वे उनसे अच्छी बात करते हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इलाके के एक गांव के एक वोटर का कहना है कि यहां एक भी घर ऎसा नहीं है जिसे भजन लाल से ज़ाती फायदा नहीं मिला हो। उसने हर खानदान के मेम्बर को सरकारी नौकरी दी है।

जिन खानदानों में दो वक्त की रोटियां नहीं थी वहां उनके परिवारों वालों को उन्होंने नौकरी दी है। ऎसे में उनके बेटे को वोट ना देना का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

इलाके में चंद्रमोहन और फिजा मोहम्मद के पोस्टर भी देखने को मिले हैं। इन पोस्टरों के साथ लिखा है कि ये आपको गांव वोट मांगने आ रहे हैं, आप एक पल के लिए सोच लें। हालांकि चंद्र मोहन ने इस मुतनाजे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उनका कहना है कि यह सब सियासी साजिश थी।