वोट की एहमीयत को समझें और पैसा लेकर वोट ना दें। हम सब को मुत्तहदा तौर पर सेकूलर किरदार के हामिल और सेकूलर पार्टी को वोट देना चाहीए।
हिंदुस्तान में मुस्लमान 60 बरसों में इंतिहाई पसमांदा हो चुके हैं। क़ाइदीन का गिरेबान पकड़कर उन से काम लें। इस मुल्क में मुसलमानों ने 800 साल हुकूमत की, ताहम आज़ादी के बाद से मुस्लमान पसमांदगी का शिकार हैं। इन हक़ायक़ का इज़हार जहीरुद्दीन अली ख़ां मैनेजिंग एडीटर सियासत ने वर्ंगल के स्वर्णा पैलेस में कांग्रेस अक़लियतों की तरफ् से मुनाक़िदा मीटिंग में क्या।
हाफ़िज़ पिर शब्बीर अहमद की सदारत में मुनाक़िदा इस प्रोग्राम में मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से तरफ शफ़ीक़ उल्ज़मां मौज़फ़ साबिक़ प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुकूमत ए पी, मुहम्मद ग़ौसउद्दीन, सय्यद वली उल्लाह कादरी, मुहम्मद रियाज़उद्दीन और दुसरे भी मौजूद थे।
इस मौके पर जहीरुद्दीन अली ख़ां ने कहा कि अगर हम ने मुत्तहदा तौर पर अपने वोटों का इस्तेमाल किया तो लाख कोशिशों के बावजूद फ़िर्क़ापरस्त ताक़तें इक़तिदार नहीं हासिल करसकेंगी।
उन्होंने कहा कि पसमांदा तबक़ात एससी, एसटी, बी सी और मुस्लमान अगर मुत्तहिद हो जाएं तो मुल्क की तारीख़ के सुनहरे बाब का आग़ाज़ होगा।
उन्होंने कहा कि तेलुगु देशम और भारतीय जनता पार्टी के इरादों को नाकाम बनाना है, जबकि टी आर एस भी भरोसा के क़ाबिल नहीं रही, लिहाज़ा वक़्त की नज़ाकत को महसूस करते हुए कांग्रेस उम्मीदवारों को भारी अक्सरीयत से कामयाब बनाईं।