वक़ूअ क़ियामत की अलामत

हज़रत हुज़ैफ़ा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत हैके हुज़ूर नबी करीम स०अ०व० ने फ़रमाया जब तुम (मुस्लमान) अपने (ख़लीफ़ा या सुलतान-ओ-हुकमरान) को क़त्ल कर देगे, तुम्हारे तलवारें आपस ही में एक दूसरे की गर्दन उड़ाईंगी और यहां तक कि तुम्हारी दुनिया के वारिस-ओ-वाली, मक्कार लोग हो जाऐंगे (यानी सलतनत-ओ-हुक्मरानी ज़ालिमों के पास पहुंच जाएगी और मख़लूक़ ख़ुदा की ज़माम कार और इक़तिदार की बागडोर बदकारों और फ़ासिक़ों के हाथ में आजाएगी) तो उस वक़्त क़ियामत क़ायम हो जाएगी। (तिरमिज़ी)

हज़रत हुज़ैफ़ा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से ये भी रिवायत है कि रसूल क्रीम स०अ०व० ने फ़रमाया क़ियामत उस वक़्त तक ना आएगी, जब तक कि दुनिया में कसरत माल-ओ-ज़र और इक़तिदार-ओ-हुक्मरानी के एतेबार से सब से ज़्यादा नसीबा वर वो शख़्स बन जाएगा, जो अहमक़ है और अहमक़ का बेटा है (यानी जब दुनिया में बदअसल, बदसीरत और बदकार लोग सब से ज़्यादा हुकूमत-ओ-इक़तिदार और माल-ओ-दौलत के मालिक बन जाऐंगे तो समझो कि क़ियामत बस आने ही वाली है)।

इस रिवायत को तिरमिज़ी ने और किताब दलायल अलनबो में बीहक़ी ने नक़ल किया है।
वाज़िह रहे कि जैसे जैसे क़ियामत क़रीब होगी, नेक और सालिह अफ़राद इस दुनिया से कूच करते जाऐंगे। चुनांचे हज़रत मरवास इस्लमी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रवैय्यत हैके हुज़ूर नबी करीम स०अ०व० ने इरशाद फ़रमाया नेक बख़्त और सालिह लोग एके बाद दुसरे इस दुनिया से गुज़रते रहेंगे और बदकार-ओ-नाकारा लोग जो या खजूर की भूसी की तरह बाक़ी रह जाऐंगे, जिन की अल्लाह ताआला को कोई परवाह नहीं होगी (यानी एसे लोगों की अल्लाह ताआला के नज़दीक कोई क़दर-ओ-मंजिलत नहीं और उनके वजूद का कोई एतेबार नहीं)। (बुख़ारी)