वज़ाइफ़ के लिए सहूलतों का फ़ुक़दान

मंडल मुस्तक़र पर हर माह डाकख़ाना से दिए जा रहे वज़ाइफ़ में माज़ूरीन, मुअम्मरीन को सहूलतों का फ़ुक़दान होने से मुश्किलात का सामना है। शिद्दत की धूप और उन्हें सर छिपाने के लिए कोई इंतेज़ाम नहीं, ना पीने के पानी की सहूलत है और ना धूप से बचने की जबकि ज़ईफ़-उल-उमर अवाम को घंटों क़तार में खड़ा रहना पड़ता है। धूप की तमाज़त से ज़ईफ़ अफ़राद को ख़तरा लाहक़ है।

फ़ौरी ज़िम्मा दारान को इस तरफ़ तवज्जा मर्कूज़ करना ज़रूरी है, वर्ना कहीं वज़ाइफ़ कि चक्कर में ग़रीब अवाम की ज़िंदगी को ख़तरे में ना पड़ जाये। डाकख़ाना के अहाते में शामियाना, पीने के पानी का इंतेज़ाम बेहद ज़रूरी है जिस का ज़िम्मेदारान को एहसास ज़रूर होना चाहीए।