वज़ीर-ए-आज़म के ओहदे के लिए उम्मीदवार का आजलाना फ़ैसला ज़रूरी : उद्धव ठाकरे

मुंबई, 01 फरवरी: ( पी टी आई) शिवसेना सरबराह उद्धव ठाकरे ने एन डी ए से ख़ाहिश की है कि वो 2014 के असेंबली इंतेख़ाबात से क़बल वज़ीर-ए-आज़म के ओहदे के उम्मीदवार का फ़ैसला करते हुए मुनासिब‍ वक़्त पर इसका ऐलान करे ।

उन्होंने कहा कि आख़िरी लम्हात में कोई उलझन या ग़लतफ़हमी पैदा नहीं होना चाहीए । वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा के लिए इंतेख़ाबात अप्रैल मई में मुनाक़िद शुदणी हैं । अगर इस मुआमला पर तबादला-ए-ख़्याल का आग़ाज़ अभी से किया जाये तो इसमें क्या क़बाहत है ?

सब को एक साथ मिल कर वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा के उम्मीदवार का फ़ैसला करना चाहीए इसमें कोई मसला नहीं है । पार्टी तर्जुमान अख़बार सामना में एक इंटरव्यू के इख़्तेतामी मरहला में उद्धव ठाकरे ने ये बात कही । उन्होंने मज़ीद कहा कि गुज़शता सदारती इंतेख़ाबात के दौरान एन डी ए आख़िरी लम्हात तक भी अपने उम्मीदवार का फ़ैसला नहीं कर सकी थी और उस वक़्त जब पी ए संगमा का नाम गश्त करने लगा तो बाला साहब ने वाज़िह तौर पर कह दिया था कि वो संगमा की नहीं बल्कि परनब मुखर्जी की ताईद करेंगे क्योंकि वो एक बेहतर क़ाइद और बेहतर उम्मीदवार हैं ।

आँजहानी बाला साहब ने वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा के लिए एन डी ए के उम्मीदवार के लिए सुषमा स्वराज की सिफ़ारिश की थी । अगर आपके पास कोई और नाम है तो बराए करम इसका इन्किशाफ़ कीजिए । हम तबादला-ए-ख़्याल करेंगे लेकिन उजलत से काम लें तो बेहतर होगा ।

इसी कहानी को मत दोहराइये जो सदारती इंतेख़ाबात के दौरान हुई थी । यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि आँजहानी बाल ठाकरे ने गुज़शता साल एक अहम बयान देते हुए वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा के लिए एन डी ए के उम्मीदवार के तौर पर सुषमा स्वराज को एक मुस्तहिक़ और क़ाबिल तरीन उम्मीदवार क़रार दिया था ।

उन्होंने कहा था कि सुषमा स्वराज एक ज़हीन और सयासी सूझबूझ रखने वाली ख़ातून हैं और बतौर वज़ीर-ए-आज़म अपने फ़राइज़ मूसिर अंदाज़ में अंजाम देने की सलाहीयत रखती हैं । गुज़शता माह भी शिवसेना ने नरेंद्र मोदी को वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा के लिए उम्मीदवार बनाए जाने की ताईद की थी।