वज़ीर-ए-आज़म को मौसूमा मकतूब का इफ्शा अफ़सोसनाक: फ़ौजी सरबराह

फ़ौजी सरबराह जनरल वी के सिंह ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को मौसूमा मकतूब के इफ्शा को इंतिहाई अफ़सोसनाक क़रार दिया जिस में दिफ़ाई तैयारीयों में पाई जाने वाली ख़ामीयों को उजागर किया गया था। उन्होंने कहा कि ये मुरासलत मामूल का एक हिस्सा है।

उन्होंने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि वज़ीर-ए-आज़म को तहरीर किए गए मकतूब के इफ्शा पर उन्हें काफ़ी सदमा पहुंचा। उन्होंने बताया कि दूसरों के साथ भी मुरासलत होती है लेकिन ख़ुशक़िस्मती से उन का इफ्शा नहीं हुआ। फ़ौजी सरबराह ने मकतूब तहरीर करने के फ़ैसले का दिफ़ा करते हुए कहा कि ये जारीया अमल का एक हिस्सा है जिसका मक़सद मुल़्क की दिफ़ाई तैयारीयों से मर्कज़ को वाक़िफ़ करवाना होता है।

उन्होंने बताया कि वज़ीर-ए-आज़म, वज़ीर-ए-दिफ़ा और वज़ारत-ए-दिफ़ा को तैयारीयों से बा ख़बर कराया जाता है। उसे ताख़ीर या जल्द किया गया इक़्दाम नहीं कहा जा सकता क्योंकि हम वक़्फ़ा वक़्फ़ा से अपनी वज़ारत को तैयारीयों के बारे में मतला करते रहते हैं। वी के सिंह ने कहा कि इन के महकमा की ये ज़िम्मेदारी है कि दिफ़ाई तैयारीयों के बारे में वज़ारत-ए-दिफ़ा को मतला करें और साथ ही साथ इस बात की भी निशानदेही करे कि कहीं कोई कमी तो नहीं।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि डीफ़ैंस स्टैंडिंग कमेटी ने इस मसला पर ग़ौर-ओ-ख़ौस के बाद बाअज़ तजावीज़ पेश की हैं जिस के ज़रीया मुस्तक़बिल में इस तरह के इफ्शा के इम्कानात नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम पड़ोसी ममालिक की तैयारीयों और सलाहीयतों से बा ख़बर हैं और इसी मुनास्बत से ख़ुद को भी तैयार कर रहे हैं।