वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के मौक़िफ़ से इन्हिराफ़

नई दिल्ली: वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने चंद माह क़बल नरेगा पर नुक्ता-चीनी करते हुए उसे यू पी ए की नाकामियों की ज़िंदा यादगार क़रार दिया था लेकिन अब उनकी हुकूमत के वज़ीर ने इस स्कीम की ग़ैरमामूली सताइश की है। मिनिस्टर आफ़ स्टेट देही तरक़ियात सुदर्शन भगत ने लोक सभा में तहरीरी जवाब में बताया कि रोज़गार फ़राहम करने वाली इस स्कीम से देहातों में नक़ल मुक़ाम में कमी और ग़रीब अवाम में उजरतों के मियार में इज़ाफ़ा करने में काफ़ी मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि तमाम रियासतों और मर्कज़ी ज़ेर-ए‍-इंतेज़ाम इलाक़ों बिशमोल झारखंड में नरेगा के सबब देही ग़रीब अवाम के नक़ल मुक़ाम में कमी हुई है। ग़ैर मौसमी हालात में देही मियार-ए-ज़िंदगी में मुसबत तबदीली आई और शफ़्फ़ाफ़ियत का मियार भी काफ़ी बुलंद हुआ है।

वो तीन बी जे पी अरकान-ए‍-पार्लियामेंट वरूण गांधी, पशोपती नाथ सिंह और हरीशचंद्र के सवालात का जवाब दे रहे थे कि नरेगा के नतीजे में मेहनत-कश तबक़े के मियार-ए-ज़िंदगी में बेहतरी आई या नहीं। वज़ीर ने इस स्कीम की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस से मालीयाती मौक़िफ़ बेहतर हुआ और ग्राम पंचायतों को इस्तेहकाम मिला है।

उन्होंने कहा कि नरेगा की वजह से देही इलाक़ों में उजरतों की सतह में इज़ाफ़ा हुआ जिसके नतीजे में ग़रीब तरीन अफ़राद की आमदनी की सतह भी बढ़ गई और उनके मियार-ए-ज़िंदगी में नुमायां बेहतरी आई और इस के साथ साथ उन्हें अपनी फ़ाज़िल आराज़ीयात पर काशतकारी में मदद मिली।