वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को इंतिहाई बेबस वज़ीर-ए-आज़म हिंद क़रार देते हुए जो उन्होंने अब तक देखा है। बी जे पी के सीनीयर क़ाइद एल के अडवानी ने आज यू पी ए हुकूमत पर तन्क़ीद करते हुए उसे इंतिहाई ग़ीर कारकर्द, बद उनवान ( भ्रष्टाचार) और आज़ादी के बाद की सब से बेहिस (जो स्वाभीमानी ना हो) हुकूमत क़रार दिया।
वो क़ौमी आमिला के इजलास (राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभा) से ख़िताब कर रहे थे। बी जे पी के तर्जुमान ( प्रवक़्ता) रवी शंकर प्रसाद ने अडवानी के ब्यान का हवाला देते हुए कहा कि हिंदूस्तान से तमाम वज़ीर ए आज़म में से जो उन्होंने देखे हैं कोई भी ऐसा नहीं था जो सिर्फ 10 अरकान-ए-पार्लीमेंट की ताईद (मदद) की बिना पर अपने ओहदा पर बरक़रार हो।
उन्होंने कहा कि इस ओहदा की ख़त-ओ-क़ीमत में इतनी ज़्यादा कमी कभी नहीं हुई थी जितनी आज नज़र आ रही है। कोई भी वज़ीर-ए-आज़म अब तक इतना बेबस और फ़ैसला करने से क़ासिर नहीं था, जितने के हमारे मौजूदा वज़ीर-ए-आज़म हैं। अडवानी ने यू पी ए हुकूमत पर पारलीमानी जम्हूरीयत को बदनाम करने का इल्ज़ाम भी आइद किया।
उन्होंने कहा कि हुकूमत की जानिब से जारी कर्दा वाईट पेपर दरहक़ीक़त (वास्तव में) ब्लैक पेपर है। इससे कम अज़ ( से) कम चंद हक़ायक़( हकीकत) की तरफ़ निशानदेही तो होनी चाहीए थी। हुकूमत ने 2006 से 2010 तक वाईट पेपर (white paper) में आदाद-ओ-शुमार पेश किए हैं, लेकिन हर चीज़ ब्यान नहीं की।
वाईट पेपर में हमें तवक़्क़ो (उम्मीद) थी कि हुकूमत ऐसे इक़दामात (कार्य/ काम) करेगी जो काले धन को कुचलने के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की क़रारदाद के मुताबिक़ होना चाहीए थे।