वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और सदर कांग्रेस सोनीया गांधी के हाथों कश्मीर को रेल राबिता का 26 जून को आग़ाज़

नई दिल्ली 20 जून (पी टी आई) वादी कश्मीर को बाक़ी मुल्क से मरबूत करने वाला रेल राबिता जिस का तवील अर्से से इंतिज़ार किया जा रहा था, 26 जून को शुरू हो जाएगा जबकि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और सदर नशीन यू पी ए सोनीया गांधी मुशतर्का तौर पर पहली ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

18 किलो मीटर तवील रेलवे राबिता जम्मू के इलाक़े बनीहाल से कश्मीर के इलाक़ा क़ाज़ी गुंड को मरबूत करेगा। जो मौसम-ए-सर्मा में बर्फ़बारी की वजह से बाक़ी मुल्क से कट कर अलग होजाता है। शुमाली रेलवे हुकूमत जम्मू-कश्मीर के साथ तआवुन के ज़रीये ऊधम पर से बनीहाल तक बस ख़िदमात का भी इंतेज़ाम कररही है ताकि मुसाफ़िरो को तकलीफ़ ना हो।

ये बस ख़िदमात मुसाफ़िरों के लिए ऊधम पूर से बनी हाल तक आइन्दा माह दस्तयाब रहेंगी। बनीहाल क़ाज़ी गुंड रेलवे राबिता 11 केलो मीटर तवील सुरंग के ज़रीये मुम्किन बनाया जा रहा है इस से फ़ासिले में 17 किलोमीटर का फ़र्क़ पड़ेगा। मौजूदा फ़ासिला बज़रीया बस 35 किलोमीटर है जो रेलवे राबिता की सूरत में 18 किलोमीटर होजाएगा।

रेलवे राबिता 1691 करोड़ रुपय की लागत से तामीर किया जा रहा है। ये एक चैलेंज भरी मुहिम है। ये एक दुशवार गुज़ार पहाड़ी सिलसिले के अलावा इस प्रोजेक्ट‌ के लिए अराज़ी की ज़रूरत भी बहुत मुश्किल थी। इस के अलावा रियासत में नज़म-ओ-क़ानून की अबतर सूरत-ए-हाल एक और चैलेंज था।

वादी कश्मीर को क़ाज़ी गुंड और बारहमुल्ला के दरमियान ट्रेन राबिता 118 किलो मीटर तवील फ़ासिले पर पहले ही मौजूद है। लेकिन ये वादी कश्मीर को बाक़ी मुल्क से मरबूत नहीं करता। दोनों मुक़ामात शुमाली कश्मीर में वाक़्य हैं।

रेलवे पटरियों का मुआइना ज़रूरी है जो बाक़ायदा किया जा रहा है। तवक़्क़ो है कि 26 जून से नए रेल राबिता का आग़ाज़ होजाएगा।