वज़ीर-ए-आज़म मोदी की अबूज़हबी में आमद, जामा मस्जिद शेख़ जै़द का दौरा

अबूज़हबी: वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी आज दो-रोज़ा दौरा मुत्तहदा अरब इमारात पर अबूज़हबी पहूंचे। उनका ये दौरा हिक्मत-ए-अमली पर मबनी है। इस दौरे के दौरान वो इमारात की आला क़ियादत से बातचीत करेंगे और कई अहम शोबों में तआवुन को फ़रोग़ देने पर-ज़ोर देंगे।

तिजारत और सेक्योरिटी उमोर पर बातचीत होगी। मुत्तहदा अरब इमारात में मुक़ीम हिन्दुस्तानी बिरादरी से ख़िताब करेंगे। नरेंद्र मोदी का एय‌रपोर्ट पर इस्तिक़बाल शेख़ मुहम्मद बिन जै़द अलनीहान वलीअहद शहज़ादा अबूज़हबी ने कहा कि प्रोटोकोल से हट कर वलीअहद शहज़ादा ने एय‌रपोर्ट पहूंच कर मोदी का शानदार ख़ैरमक़दम किया।

मुत्तहदा अरब इमारात के मुसल्लह अफ़्वाज के डिप्टी सुप्रीम कमांडर और वलीअहद शहज़ादा शेख़ मुहम्मद बिन जै़द अलनीहान ने इस साल मई में मराक़िश के शाह का भी एय‌रपोर्ट पहुंच कर ख़ैरमक़दम किया था। मोदी एय‌रपोर्ट से सीधे होटल रवाना हुए जिसका नाम इमारात पैलेस है।

उनकी पहली अवामी मस्रूफ़ियत में जामा मस्जिद शेख़ जै़द का दौरा है। ये मस्जिद मुत्तहदा अरब इमारात में सबसे बड़ी जामा मस्जिद है जिसको इस्लामी तर्ज़ तामीर की शानदार मस्जिद कहा जाता है। ये मस्जिद सऊदी अरब में मक्का मुअज़्ज़मा और मदीना मुनव्वरा के बाद दुनिया की सबसे बड़ी तीसरी मस्जिद है।

मुत्तहदा अरब इमारात के पहले अमीर शेख़ जै़द बिन सुलतान अलनीहान मरहूम से मौसूम है, ताहम वज़ीर-ए-आज़म मोदी के दौरे का ख़ास वक़्त मुक़र्रर किया गया था ताकि नमाज़-ए-अस्र और मग़रिब में कोई ख़लल पैदा ना हो। मस्जिद का दौरा और मुआइना करने के बाद नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तानी वर्कर्स से बातचीत करने वाले हैं।

बादअज़ां मोदी के एज़ाज़ में मैनेजिंग डायरेक्टर अबूज़हबी अनोसटमेंट अथार्टी हामिद बिन जै़द अलनीहान की जानिब से इशाईया तर्तीब दिया गया। अबूज़हबी अनोसटमेंट अथार्टी 800 मिलियन डालर मुक़तदिर आला फंड्स का मालिक है और हिन्दुस्तानी क़ियादत को तवक़्क़ो है कि वो मुल्क में सरमायाकारी की तरग़ीब देने में कामयाब होगी।

इस दौरे को जो 34 साल में पहली मर्तबा हिन्दुस्तान के किसी वज़ीर-ए-आज़म का दौरा हो रहा है। कई एक मुआहिदों पर बातचीत होगी। मोदी इमारात की ताक़तवर क़ियादत से बातचीत के अलावा हिन्दुस्तानी बिरादरी से भी ख़िताब करेंगे। तवानाई और तिजारत के शोबे में तआवुन को फ़रोग़ देने और हिन्दुस्तान में सरमायाकारी के लिए दुबई के सरमायाकारों से मुलाक़ात करते हुए तरग़ीब देंगे।

हिन्दुस्तान को तिजारत की पुरकशिश मंज़िल बनाने की जानिब भी कोशिश की जाएगी। साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म इंदिरा गांधी ने 1981 में मुत्तहदा अरब इमारात का दौरा किया था। अब मोदी के दौरे से हिंद-यू ए ई ताल्लुक़ात में इस्तिहकाम की तवक़्क़ो है। तिजारत और स्कियोरटी के अहम शोबों में दोनों मुल्कों के दरमियान मुआहिदे होंगे।

वज़ीर-ए-आज़म मोदी ने अपने दौरे से क़बल यू ए ई को एक काबिल-ए-क़दर हलीफ़ मुल्क क़रार दिया। ये हक़ीक़त है कि हिन्दुस्तान में यू ए ई दूसरा बड़ा तिजारती रफ़ीक़ है। वज़ीर-ए-आज़म ने यू ए ई में हिन्दुस्तानियों की 2.5 मिलियन आबादी की जानिब से अंजाम दी जा रही ख़िदमात और सरमायाकारी का तज़किरा किया।