शंकराचार्य के खिलाफ शिरडी साई की मुखालिफत पर केस दर्ज

स्वामी स्वरूपानंद शंकराचार्य के खिलाफ शिरडी में मज़हबी जज़्बातों को भडकाने का शिकायत दर्ज हुआ है। शंकराचार्य ने कहा है की साई भगवान नहीं है और उनकी पूजा नहीं की जानी चाहिए। साईं पूजा की मुखालिफत में दिये बयान पर शंकराचार्य स्वरूपानंद अब भी अडे हुए हैं। वाराणसी में साईं भक्तों ने सडक पर उतर कर अपनी मुखालिफत जताया।

साईं भक्तो ने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का पुतला फूंकते हुए कहा की शंकराचार्य अपना बयान वापस लेकर बाबा से माफी मांगे। इंदौर में भी एहतिजाजी मुज़ाहिरा हुआ। शंकराचार्य के इस मुतनाज़ा बयान का कई लोगों ने एहतिजाज किया है। लेकिन अपने बयान को लेकर हुए एहतिजाज के बाद भी शंकराचार्य अपने बयान को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की तरफ से शिर्डी के साईं बाबा को लेकर दिये गये बयान के खिलाफ साईं भक्तों ने मंगल के रोज़ एहतिजाजी मुज़ाहिरा किया और कहे हुए अल्फाज़ को फौरन वापस लेने की मांग की। शंकराचार्य के मुतनाज़ा बयान पर मुखालिफत जताने के लिये साईं भक्त राजबाडा चौक पर जमा हुए। उन्होंने इंदौर की साबिका हुक्मरान अहिल्या बाई की मुजस्सिमा के सामने बैठ कर साईं बाबा के भजन गाये।

फिर अहिल्या की मुजस्सिमा का चक्कर लगा कर शंकराचार्य के खिलाफ नारेबाजी भी की। एहतिजाजियों ने साईं भक्तों की कियादत कर रहे छोटू शुक्ला ने कहा कि साईं बाबा पर गलत बयानबाजी करके शंकराचार्य हिन्दुओं में फूट डालने का काम कर रहे हैं।

जो साधु-संत खुद महंगी और एसी गाड़ियों में घूमते हैं, उन्हें साईं बाबा जैसे अज़ीम संत के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है। हरि अग्रवाल ने कहा कि शंकराचार्य का साईं बाबा के बारे में दिया गयामुतनाज़ा बयान हिंदू-मुस्लिम इत्तेहाद को नुकसान पहुंचाने वाला है जबकि साईं बाबा ने सभी मज़हबो के लिये सबका मालिक एक का पैगाम दिया था।

एहतिजाजियों ने शंकराचार्य से मांग की कि वह साईं बाबा को लेकर दिया अपना मुतनाज़ा बयान जल्द से जल्द वापस लें। इससे पहले शिर्डी में साईं भक्तों ने शंकराचार्य के मुतनाज़ा बयान को लेकर शिकायत की है और उनके खिलाफ भडकाऊ बयान देने का केस दर्ज कराया है।

शंकराचार्य ने पीर की रोज़ एक न्यूज चैनल पर कहा था-ये कहा जाता है कि साईं बाबा हिंदू मुस्लिम इत्तेहाद का सिंबल हैं। तो ये अलामत तब होता जब हिंदुओं के साथ मुसलमान भी मानते। मुसलमान तो उसे मानते नहीं। हम क्यों मानें। हमारी इत्तेहाद का अलामत कहां है वो। हिंदू मुस्लिम इत्तेहाद का भी अलामत नहीं है वो। ये एक गलत फहमी है जो समाज में फैलाया जा रहा है। क्या ऐसा भी आप मानते हैं कि बिजनस किया जा रहा है।

इस सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा था,तिरूपति बालाजी की जो आमदनी है उससे कम का मामला नहीं है ये। ये दूसरे लोग इसमें हावी हो रहे हैं। ये ब्रिटेन की तरफ से हो रहा है। ये चाहते हैं कि हिंदुस्तान में हिंदू अक्सरियत न रहें। ये लोग जो हैं तक्सीम होते रहे हैं। इनकी मिली जुली ताकत बढने पाए, ये बात है। स्वरूपानंद ने ये भी कहा था कि साईं भक्तों को भगवान राम और शिव की पूजा छोड देनी चाहिए।