हैदराबाद 20 जून: आंध्र प्रदेश के साबिक़ वज़ीर और हलक़ा सिकंदराबाद कम्युनिस्ट के रुक्ने असेंबली डक्टर पी शंकर राव ने जहेज़ हिरासानी के एक मुक़द्दमा के ज़िमन में आज ख़ुद को पुलिस के हवाले कर दिया जहां से उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
शंकर राव की बहू ने उनके ख़िलाफ़ ये शिकायत दर्ज करवाई थी। इन्सपेक्टर पी जनकमा ने कहा कि शनकर राव ने सेंट्रल क्राईम स्टेशन (सी सी एस) से मुंसलिक वीमेनस पुलिस स्टेशन (डब्लयू पी एस) ने ख़ुदसपुर्दगी से पहले सेशन कोर्ट से ज़मानत क़बल अज़ गिरफ़्तारी हासिल करलिया था और अदालती अहकाम के मुताबिक़ 10 हज़ार रुपये मालियती दो ज़मानतें भी पेश की गई थीं।
बादअज़ां उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया। उन्होंने पुलिस में एक हलफ़नामा भी दाख़िल किया जिस में कहा गया हैके ग्रीन फ्लड अराज़ी पर नाजायज़ क़बज़े से मुताल्लिक़ एक मुक़द्दमा के तहत इन का पासपोर्ट पहले ही सी आई डी के पास महफ़ूज़ किया जा चुका है।
अदालत ने उन्हें हिदायत की हैके वो बहू को जहेज़ के लिए मुबयना तौर पर हिरासाँ करने के मुक़द्दमा में भी अपना पासपोर्ट अदालत के हवाले करदें।
शंकर राव की बहू वमशी प्रिय ने ख़वातीन के पुलिस स्टेशन में दर्ज करदा अपनी शिकायत में कहा कि उनके शौहर शशांक और उन के (शशांक) के वालिदैन 2005 में हुई शादी के बाद से मुसलसिल हिरासाँ कररहे हैं।
शशांक की पहले ही पुलिस में ख़ुदसपुर्दगी के बाद ज़मानत हासिल करचुके हैं। डक्टर पी शंकर राव की बीवी विश्वा शांति ने हाइकोर्ट में उनके ख़िलाफ़ अपनी बहू वशमी प्रिय शांति की तरफ़ से दायर करदा जहेज़ हिरासानी के एक मुक़द्दमे के ज़िमन में आज ख़ुद को कंट्रोल रुम से मुत्तसिल सी सी एस महिला पुलिस स्टेशन के सपुर्द कर दिया।
डक्टर शंकर राव और उनकी बीवी अपनी बहू की तरफ से इंसिदाद जहेज़ क़ानून के तहत मुक़द्दमा दायर किए जाने के बाद ज़मानत क़बल अज़ गिरफ़्तारी हासिल करचुके थे।