बी जे पी हाईकमान ने आज एम पी शत्रू घन सिंहा को हिदायत की है कि वो वज़ीर-ए-आला गुजरात नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ बयानात देने से प्रहेज करें और साथ ही साथ इस बात का भी ख़्याल रखें कि वो वज़ीर-ए-आला बिहार नितीश कुमार की सताइश भी ना करें क्योंकि अगर वो ऐसा करते हैं तो उसका बी जे पी पर बुरा असर होगा जो पार्टी के मुफ़ाद में हरगिज़ नहीं होसकता।
बी जे पी ज़राए ने भी इस बात की तौसीक़ की कि शत्रू घन सिंहा को मोदी के ख़िलाफ़ और नितीश कुमार की ताईद में बयानात देने से रोका गया है। उन्होंने शत्रू घन सिंहा के उस बयान का भी सख़्ती से नोट लिया जहां उन्होंने कहा था कि अगर मक़बूलियत ही मेयार या पैमाना है तो फिर अमिताभ बचन को सदर जमहूरिया के ओहदा पर फ़ाइज़ होना चाहिए।
अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए बी जे पी तर्जुमान शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि फ़िल्मी ज़िंदगी और हक़ीक़ी ज़िंदगी में बहुत फ़र्क़ है। फ़िल्मी दुनिया की मक़बूलियत और सियासी ज़िंदगी की मक़बूलियत दो अलग अलग बातें हैं। इस से इनकार नहीं कि फ़िल्मी दुनिया में अमिताभ बचन की मक़बूलियत का जवाब नहीं, उनको ना सिर्फ़ हिंदुस्तान बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता है लेकिन मोदी की मक़बूलियत भी कुछ कम नहीं।
अमिताभ बचन फ़िल्मी ज़िंदगी के मक़बूल शख़्स हैं और मोदी हक़ीक़ी ज़िंदगी के। उन्होंने कहा कि शत्रू घन सिंहा ने गुजिश्ता कुछ दिनों बाज़ ऐसे बयानात दिए हैं जिस से पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। नितीश कुमार के बारे में ये कहा गया था कि उन में वज़ीर-ए-आज़म बनने की सलाहियतें मौजूद हैं जिस से बी जे पी को शर्मनाक सूरत-ए-हाल का सामना करना पड़ा।