शब्बीर अहमद के क़ातिलों को सज़ा और हज टेक्स वापिस लेने शाही इमाम का मुतालिबा

नई दिल्ली, 02 मार्च: शाही इमाम मस्जिद फ़तह पूरी दिल्ली मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद साहब ने आज जुमे की नमाज़ से पहले ख़िताब में एक हफ़्ते पहले मथुरा में मेवात के नौजवान शब्बीर अहमद की हलाकत पर शदीद रंज-ओ-ग़म का इज़हार करते हुए क़ातिलो को जल्द अज़ जल्द सज़ा दिए जाने का मुतालिबा किया।

शाही इमाम साहब ने कहा कि पुलिस की दहश्तगर्दी की जितनी मज़म्मत की जाये कम है। महलूक के विरसा‍ के साथ बे रहमाना बरताव‌ करना और सादे काग़ज़ पर दस्तख़त कराना नीज़ ना देना और धमकियां देना ऐसी बातें हैं, जो नाक़ाबिले बर्दाश्त हैं। पुलिस का कहना कि अगर मथुरा आए तो शब्बीर का जो हश्र हुआ है वही तुम्हारा होगा, उस की पूछ ताछ‌ कर के एफ़ आई आर जलद दर्ज की जानी चाहीए।

शाही इमाम साहब ने हुकूमते हिन्द की तरफ़ से हज और उमरा के सफ़र ख़र्च पर 3 फीसदी टेक्स लगाए जाने की मज़म्मत की और मुहतरमा सोनिया गांधी मुहतरम वज़ीरे आज़म और काबीनी वुज़रा से पुरज़ोर मुतालिबा किया कि इस टेक्स को ख़त्म कराया जाये। जब मज़हबी रसूमात की अदायगी के ख़र्च पर टेक्स नहीं होता तो इस साल से ये क्यों लगाया जा रहा है।

शाही इमाम साहब ने कहा कि हुकूमत हज के सफ़र पर मुसलमानों को तरह तरह से तंग कर रही है। सब्सीडी मुसलमान नहीं चाहते, लेकिन हज की पाबंदियों और टेक्स को वापिस लिए जाने का मुतालिबा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हुकूमत को मुसलमानों की अंधा धुंद गिरफ़्तारी महज़ शक की बुनियाद पर बंद करानी चाहिए।

शाही इमाम ने अमरीका और ईरान के दरमियान जोहरी मसले पर मुज़ाकिरात और आलमी ताक़तों की इस सिलसिले में दिलचस्पी का इज़हार मुसर्रत किया और उम्मीद ज़ाहिर की कि ईरान और अमरीका के दरमियान ये मसला मुज़ाकिरात के ज़रीये जलद हल होजाएगा।