शमसी ए टी ऐम देही इन्क़िलाब का बाइस होगा

नई दिल्ली, ०६जनवरी (एजैंसीज़) एक नए अंदाज़ की इन्क़िलाबी तबदीली लाते हुए देही इलाक़ों के लिए शमसी तवानाई ए टी एम्स की डिज़ाइनिंग डेवलेपिंग और उन की ईस्तादगी अमल में लाई जा रही है। इबतिदाई तौर पर 400 शमसी ए टी एम्स को गरामाईलर (ग्राम बमानी गाँव) दुनिया के सब से बड़े आर्डर की तंसीब एस बी आई के ज़रीया अमल में लाई जा रही है।

वाज़िह हो कि स्टेट बैंक आफ़ इंडिया अपनी कारकर्दगी और बेहतर ख़िदमात की वजह से बड़े पैमाने पर तवानाई की बचत की वजह से हुकूमत और अवाम का मंज़ूर-ए-नज़र बन चुका है। विजय बाबू, सी ई ओ वार टैक्स इंजीनीयरिंग जवान यूनिट्स को तैयार कर रहे हैं, इन का कहना है कि साल 2010-11-ए-में मुख़्तलिफ़ रियास्तों के आम तौर पर डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर 20 से 50 किलो मीटर फ़ासले पर ए टी एम्स की तंसीब अमल में लाई गई।

एस बी आई के शमसी ए टी एम्स की कामयाबी के बाद वे कैथोलिक सीरियन बैंक ने 50 ग्राम टेलर्स का आर्डर दिया है और इंडियन बैंक ने 20 का आर्डर दिया है जबकि दूसरे बैंकों ने 10 गरामा टेलर्स का आर्डर जारी किया है।

बाबू और लक्ष्मी नारायण इन दोनों ने वरटीकस की बुनियाद रखी और ये दिनों इंडियन इंस्टीटियूट आफ़ टैक्नालोजी (मद्रास) के फ़ारिगुत्तहसील हैं और गरामा टेलर्स के पीछे इन ही दोनों का दिमाग़ कारफ़र्मा है।