शरह सूद में कमी से ग़रीब अफ़राद चिट फ़ंड की जानिब राग़िब हुए : ममता बनर्जी

कोलकाता, 01 मई: वज़ीरे आला मग़रिबी बंगाल ममता बनर्जी जो चिट फ़ंड घोटाले के लिए मर्कज़ को ज़िम्मेदार क़रार देना चाहती हैं, उन्होंने इद्दिआ किया कि छोटी बचतों में हुकूमत की जानिब से सूद की शरह में कमी के फ़ैसले से ही डिपाज़ीटर्स धोका देने वाली चिट फ़ंड कंपनियों की जानिब राग़िब हुए। हफ़तावारी रिसाले में अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पोस्ट ऑफ़िस में छोटी बचतों पर मर्कज़ी हुकूमत ने सूद की शरह को कम कर दिया है, जिस का नतीजा ये हुआ कि वो लोग जो ग़रीब हैं या जो अपनी मुलाज़िमतों से सबकदोश होचुके हैं, उन्होंने अपनी रक़म चिट फ़ंड में मशग़ूल करदी जहां उन्हें ज़ाइद सूद मिल रहा था।

उन्होंने अपने मज़मून में बात जारी रखते हुए ये भी कहा कि मर्कज़ ने ना सिर्फ़ पोस्ट ऑफ़िस की छोटी बचतों में शरह सूद में कमी की बल्कि एजैंट्स के कमीशन में भी कटौती करदी और चिट फ़ंड घोटाले की मुख़्तलिफ़ वजूहात में मुंदरजा बाला वजूहात इंतिहाई एहमियत की हामिल हैं। अपने पार्टी वर्कर्स को हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि अब अवाम को ये बावर करवाने की ज़रूरत है कि चिट फ़ंड का मुबय्यना घोटाला दरअसल कांग्रेस और सी पी आई (एम) की वजह से हुआ।

उन्होंने कहा कि ये एक फ़ित्री बात है कि किसी की भी मेहनत की कमाई अगर धोके से हड़प ली जाये तो कैसी मुश्किलात पैदा होती हैं, लेकिन अवाम को अब क़ाइल करना ही पड़ेगा कि इस धोका दही के पसेपुश्त कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस और सी पी आई (किट) का दिमाग़ कार फ़रमा है। मा, माई, मानुष नामी रिसाले को ममता बनर्जी दरअसल हुकूमत चलाने के अपने इक़दार से वाबस्ता करती हैं। उन की नज़र में मा, माई और मानुष से बढ़ कर कोई नहीं और अवाम तक रसाई हासिल करते हुए उन्हें क़ाइल किया जाएगा कि चिट फ़ंड घोटाले के लिए मा, माई ,मानुष (माँ, मिट्टी और इंसान) हुकूमत ज़िम्मेदार नहीं है।