हैदराबाद 25 जुलाई: कम्यूनिटी पुलिसिंग और जदीद आलात के इस्तेमाल में बैन-उल-अक़वामी शहरों के तर्ज़ पर इक़दामात करने वाली साइबराबाद पुलिस ने एक और क़दम आगे बढ़ाया है। नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों के ख़िलाफ़ जुर्माने, कौंसलिंग और सज़ाओं जैसे इक़दामात के बाद अब डेसिग्नेटेड ड्राईव आफ़ डे जैसी अनोखी पालिसी अपनाने का फ़ैसला किया है। पिछ्ले रोज़ गचिबोव्ली इंडोर स्टेडीयम में शिरकत के बाद पैदा शूदा नताइज से कमिशनर ईस्ट भगवत ने ये फ़ैसला किया। अब शराबियों को पाबंद करने के बजाये साइबराबाद पुलिस उन्हें तरग़ीब देगी कि वो ख़ूब नशा करें लेकिन एक साथी को छूट दें। पिछ्ले रोज़ के मीटिंग में शिरकत से वापसी के दौरान तक़रीबन 30 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज किया गया था। जो मुख़ालिफ़ नशा ड्राइविंग मीटिंग से वापिस हो रहे थे।
इस तरह के मीटिंगस में शिरकत, कौंसलिंग और सज़ाओं के बाद भी मुक़द्दमात में इज़ाफे पर कमिशनर ने अपना रद्द-ए-अमल ज़ाहिर किया और कहा कि शराबियों को रोकने के लिए उन्हें सज़ा नहीं तरग़ीब दीनी चाहीए। उन्होंने अमेरीकी नज़रिये पर अमल करने का फ़ैसला किया जहां नाईट कलब पार्टी में शिरकत करने वाले लोग अपने ग्रुप के मैंबर को पाबंद करते हैं कि वो नशा ना करे और तमाम साथी अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ नशा करते हैं और जो शख़्स उस दिन नशा नहीं करता वो इन तमाम को अपनी मंज़िल तक पहूँचाता है और इस ग्रुप के अराकीन की एक के बाद एक ज़िम्मेदारी होती है। कमिशनर भगवत का कहना है कि इस नज़रिये से हादसात की रोक-थाम और अम्वात में कमी वाक़्ये होगी। इस अमेरीकी नज़रिया डेसिग्नेटेड ड्राईव आफ़ डे को इमकान है कि साइबराबाद में बहुत जल्द अमल में लाया जाएगा।