नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आज कहा है कि हालत नशा में गाड़ी चलाने वाला शख़्स खुदकुश इंसानी बम की तरह है जो कि कई लोगों के लिये जान का ख़तरा बन जाता है। अदालत ने एक शख़्स के ख़िलाफ़ हालत नशा में स्कूटर चलाने पर 3 दिन की सज़ाए कैद बरक़रार रखते हुए ये तबसरा किया है।
एडिशनल सेशन जज लोकेश कुमार शर्मा ने कहा कि दरख़ास्त गुज़ार रोहीत भार्गवा रहम के क़ाबिल नहीं है और एक ट्रायल कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ उसकी दरख़ास्त को मुस्तरद करदिया। जिस ने 3 यौम की सज़ा-ए-कैद सुनाई थी।
एडिशनल सेशन जज ने कहा कि मेरे ख़्याल में मुद्दई जो कि हालत नशा में स्कूटर चला रहा था खुदकुश इंसानी बम की तरह है जो कि दूसरों की ज़िंदगी के लिये ख़तरा बन जाते हैं और सड़क पर मामूली ग़लती से एक ख़तरनाक हादिसा भी पेश आसकता है। लिहाज़ा हक़ायक़ और हालात के पेशे नज़र मुद्दई के साथ कोई रहम नहीं किया जा सकता क़बल अज़ीं भार्गवा ने मेजिस्ट्रयल कोर्ट के हुक्म को चैलेंज किया था।
जिस ने 5 मई को बगैर लाईटस और इंशोरंस के हालत नशा में स्कूटर चलाने पर 3 यौम की सज़ा-ए-कैद सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट ने गुलाबी बाग़ शुमाली दिल्ली के साकिन भार्गवा के ख़िलाफ़ 3,600 रुपये का जुर्माना भी आइद किया था।