अमरीकी कंपनी की तरफ से शराब की बोतलों पर गांधीजी की तस्वीर शाय करने के ख़िलाफ़ हैदराबाद कोर्ट में दरख़ास्त दायर की गई है जिस में कहा गया हैके इस कंपनी ने बाबाए क़ौम की तौहीन की है।
अवामी ब्रहमी को देखते हुए कंपनी ने माज़रत ख़्वाही करली है।कंपनी ने ये दावा किया हैके इस का मक़सद गांधी जी को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करना था चुनांचे ख़ुद गांधी जी के पोते और पोती ने उस की सराहना की है।
कंपनी के मुताबिक़ उस बोतल का नाम गांधी बॉटल रखा गया था। एडवोकेट एस जनार्धन गौड़ ने XI मेट्रोपोलीटन मजिस्ट्रेट साइबराबाद के रूबरू दरख़ास्त दायर करते हुए ये दलील पेश की के अलकहल की बोतलों पर गांधीजी की तसावीर का इस्तेमाल उन की तौहीन है। हिंदुस्तानी क़वानीन के तहत ये अमल मुस्तौजिब सज़ा है। कंपनी के सरबराह और पार्टनर ने कहा कि अगर हिंदुस्तानी अवाम के जज़बात को ठेस पहुंची हो तो वो माज़रत ख़ाह हैं। उन्होंने कहा कि गांधीजी के पोते और पोती ने बोतल पर ये तस्वीर देखी और उस की सताइश की थी। उन्होंने बताया कि हमारे इरादे बिलकुल अच्छे थे और इस का मक़सद सिर्फ़ ये था कि गांधीजी की सच्चाई और मुहब्बत के पयाम को आम किया जाये