नई दिल्ली: शराब के बड़े व्यापारी विजय माल्या के लंदन भाग जाने के मुद्दे पर पार्लियामेंट में आज हंगामा हुआ, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विजय माल्या के भागने के पीछे ” आपराधिक साजिश ” की गई है । इस व्यापारी को हुकूमत ने देश से भागने की इजाज़त दी है।
हुकूमत ने कांग्रेस पर जवाबी आलोचना की और कहा कि यूपीए हुकूमत के कार्यकाल में ही विजय माल्या कर्ज़ जारी किए गए थे वे हमारे लिए कोई संत नहीं हैं। फाईनेंस मीनिस्टर अरुण जेटली ने लोकसभा में बताया कि यह स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि विजय माल्या से उसूल होने वाली रक़म 909 करोड़ का बहरसूरत हासिल किया जाना चाहिए।
नवंबर 2015 हिसाब के मुताबिक़ एसबीआई की बैंकों से कर्ज़ दिए गए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विजय माल्या, सीबीआई की लुक आउट नोटिस जारी किए जाने के बावजूद देश से फरार हो गए। इस पर अरुण जेटली ने कहा कि किसी भी एजेंसी को ऐसा कोई आदेश नहीं है कि वह उन्हें (विजय माल्या को देश छोड़ने से रोका जाए) विजय माल्या बैंकों की ओर से उनका पासपोर्ट जब्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से रुजू होने से पहले ही देश से जा चुके थे।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह एक सदमे की बात है कि यू पी समूह के चेयरमैन एसबीआई को 10,000 करोड़ रुपये बकाया चुकाने हैं, देश से फरार हो गए। राज्यसभा में भी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी हुकूमत ने विजय माल्या को फ़रार कराने की आपराधिक साजिश रची थी।
राहुल गांधी ने हुकूमत से सवाल किया कि आखिर वह शराब के व्यापारी को देश से जाने की इजाज़त कैसे दी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने हुकूमत की आलोचना की और कहा कि पूरा देश यह सवाल कर रहा है कि आखिर इस हुकूमत ने माल्या को भागने की अनुमति क्यों दी। पीएम नरेंद्र मोदी से भी यह सवाल किया जा रहा है कि आखिर उन्होंने काले धन को वापस क्यों नहीं लाया और हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा वादा कब पूरा होगा।
राहुल गांधी ने पीएम से उनकी शैली प्रदर्शन की आलोचना की। इसके जवाब में अरुण जेटली ने राहुल गांधी की आलोचना की और बोफोर्स मामले की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस की राजधानी में बोफोर्स मामले के आरोपी ओटो क्वात्रोची भी देश से फरार हुआ था। विजय माल्या की फरारी पर राहुल गांधी की आलोचना का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि किसी को भी रोकने का एक कानूनी तरीका है या तो अपने पासपोर्ट जब्त कर लिया जाता है या अदालत के आदेशों का पालन किया जाए। केवल इमिग्रेशन द्वारा किसी को देश से जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।