शरीयते मुहम्मदी(स.)पर अमल कामयाबी का ज़ामिन‌

संगारेड्डी, 07 फरवरी: दीने इस्लाम में हमारी ईमानी कमज़ोरी की वजह से हम भटक रहे हैं। क़ुरआन और हुज़ूर(स.) की सीरत‌ क़यामत तक के लिए इंसान को कामयाबी की राह दिखाने वाली है। तक़वे के ज़रिये अमल पैरा अफ़राद के लिए दुनिया-ओ-आख़िरत में कामयाबी का ज़ामिन है। इन ख़्यालात का इज़हार नसीम सुलताना मुआविन फ़ातिमा शोबा ख़वातीन जमात-ए-इस्लामी हिंद हलक़ा आंध्रा प्रदेश-ओ-उड़ीसा ने संगारेड्डी TNGOs भवन में ख़वातीन के लिए मुनाक़िदा जलसा सीरतुन्नबी से ख़िताब करते हुए किया।

उन्होंने कहा कि हुज़ूर की इताअत को अपना अपनी आदत में शामिल करें और क़ुरआन जो कि दस्तूर है मुकम्मल‌ तौर पर अमल आवरी को यक़ीनी बनाएं। उसी वक़्त हम मोमिन बन सकते हैं। सहाबा(हज़रत मुहम्मद स. के साथी) की ज़िंदगियां हर लम्हा आप की इत्तिबा-ओ-इताअत में गुज़रीं। उन्होंने कहा कि अमल के बगैर ना ज़िंदगी कामयाब ना दावते दीन।

माफ करने की कैफ़ियत को इख़तियार करें। नरम गोई का इख़तियार और हर छोटी और‌ बड़ी बुराई से इजतिनाब की कैफ़ियत को प्रवान चढ़ाए‍‍‍। मोहतरमा ख़ूर्शीद फ़र्ज़ाना ने ख़दीजा सेविंग सेंटर संगारेड्डी में कामयाब तालिबात और टीचर को मुबारकबाद दी और कहा कि इस्लाम ने पर्दे का हुक्म दिया है, इस पर अमल करें।

इफ़्तिताही कलिमात, तरन्नुम निशात मुक़ामी नाज़िमा ने पेश किये। मुक़ामी कामों की कारकर्दगी को पेश किया। सारा ख़ानम मैंबर जी आई ओ और मुक़ामी यूनिट्स का तआरुफ़-ओ-कारकर्दगी को पेश किया। तमकीन नाज़ और इशरत फ़ातिमा ने सीरৃतुन्नबी पर कोईज़ मुक़ाबला मुनाक़िद किया। जलसे के इख़तेताम पर ख़दीजा सेविंग सैंटर की कामयाब तालिबात और कोईज़ में कामयाब तालिबात में इनामात तक़सीम किए गए। निज़ामत के फ़राइज़ ख़दीजा जलील ने अंजाम दिए। जलसे का आग़ाज़ ज़ीनत फ़ातिमा की तिलावते क़ुरआन मआ तर्जुमान से हुआ।