हैदराबाद 12 अक्टूबर: बिहार सरकार के मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण डॉ अब्दुल गफ़ूर ने कार्यालय रोज़नामा सियासत पहुंचकर एडिटर सियासत ज़ाहिद अली खान और प्रबंध संपादक श्री ज़हीरुद्दीन अली खान से मुलाकात करते हुए मुस्लिम मसाइल और देश के सियासी हालात पर चर्चा किया।
इस मौके पर उन्होंने देश में मुसलमानों की समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर प्रयासों की आवश्यकता पर तबादले ख़्याल किया भारत में आज मुसलमान जिन हालात का सामना कर रहे हैं इन परिस्थितियों में भावुकता का शिकार होने के बजाये होश से काम लें और ऐसे तत्वों की सरकुबी सुनिश्चित करें कि हिंदू फ़िर्कापरस्ती को गिज़ा फ़राहम करते हैं।
उन्होंने कहा कि मुल्क में शरई क़वानीन के तहफ़्फ़ुज़ के लिए ज़रूरी है कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड फ़ौरी हरकत में आते हुए तमाम सेक्युलर सियासी जमातों के सरबराहान को मदऊ करते हुए दिल्ली में मीटिंग करे ताकि तमाम सेक्युलर जमातों को मुत्तहिद करते हुए इन नापाक अज़ाइम को पूरा होने से रोका जा सके।
डाक्टर अब्दुल गफ़ूर ने बताया कि मुस्लिम समाज के समग्र विकास के लिए जरूरी है कि उनकी शैक्षिक विकास को महत्व दिया जाए ताकि मुस्लिम युवा शिक्षा के क्षेत्र में विकास करते हुए आगे बढ़ें शरीयत में मुदाख़िलत की कोशिशों की मुज़म्मत करते हुए उन्होंने कहा कि मुल्क में बरसर-ए-इक़तिदार फ़िर्कापरस्त क़ुव्वतें अपने मक़ासिद की तकमील के लिए मुल्क के अवाम के बीच नाफ़रत फैला रहे हैं।
उन्होंने एडिटर सियासत से मुलाक़ात के दौरान इदारा-ए-सियासत की तरफ् से दी जाने वाली ख़िदमात की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह के इदारे मिल्लत की रहबरी में बेहतर किरदार अदा करते हैं क्योंकि जो इदारे मिल्लत की तरक़्क़ी की फ़िक्र में अमली इक़दामात करते हैं वो इदारे ही मिल्लत की तामीर को यक़ीनी बना सकते हैं।