शव को साइकिल पर ले जाने वाला मामला : मुख्यमंत्री सोनोवाल ने दिए जांच के आदेश

असम के मुख्यमंत्री सरबानंद सोनोवाल के विधानसभा क्षेत्र में एक व्यक्ति अपने 18 वर्षीय भाई का शव साइकिल पर ले जाकर जा रहा है क्योंकि सड़क ऐसी नहीं थी कि गाड़ी जा सके। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि असम के ब्रह्मपुत्र इलाके में एक व्यक्ति को अपने 18 वर्षीय भाई के शव को साइकिल पर ले जाना पड़ा था।

 

 

 

घटना मजुली विधानसभा की है जहां से सोनोवाल विधायक हैं। असम के स्थानीय चैनल पर मंगलवार को इस तस्वीर के सामने आते ही सीएम सोनोवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। वीडियो फुटेज में वह अपने भाई के शव को बांस के पुल से ले जा रहा है जो उनके गांव से जाने का एकमात्र रास्ता है।

 

 

 

अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में कंक्रीट का पुल नहीं होने के कारण यहां एम्बुलेंस नहीं आ सकती है। सोनोवाल ने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को निर्देश दिया कि वह गांव जाकर मामले की जांच करें। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार मृतक लखीमपुर जिले के बालीजान गांव का रहने वाला है और उसका गांव अस्पताल से करीब आठ किलोमीटर दूर है।

 

 

 

मजुली के डिप्टी कमिश्नर पीजी झा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमें पता चला है कि वह व्यक्ति लखीमपुर जिले का है। उसके परिजनों ने उसे गारामुर सिविल अस्पताल में लाए जो पास है। ऐसा लगता है कि उसके गांव बालीजान में गाड़ी जाने लायक सड़क नहीं है और उन्हें गारामुर मेन रोड तक पहुंचने के लिए बांस के अस्थायी पुल से गुजरना होता है।

 

 

 

 

जब माझी और उनकी बेटी वहां आये तो कुछ स्थानीय संवाददाताओं ने दोनों को देखा। उन्होंने जिला कलेक्टर को बुलाया और शेष 50 किलोमीटर के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की। माझी ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल को बताया कि मैंने अस्पताल के अधिकारियों से कहा था कि मैं एक गरीब आदमी हूँ और एक वहन नहीं कर सकता और बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्होंने कहा कि वे कोई मदद नहीं दे सकते हैं।

 

 

 

 

कालाहांडी जिला कलेक्टर ब्रुंधा डी ने कहा कि जैसे ही हमें इस घटना के बारे में पता चला तो हमने मुख्य जिला मेडिकल ऑफिसर से बात की और एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की। बताया जा रहा है कि डिंपल दास को जिला अस्पताल में सोमवार दोपहर करीब 3.30 बजे छह लोगों द्वारा लाया गया था।

 

 

 

 

डॉक्टरों द्वारा मुआयना किए जाते समय ही दास का निधन हो गया। झा के अनुसार, वो मरीज को साइकिल पर लाए थे। श्वास संबंधी तकलीफ के बाद उसकी मृत्यु हो गई तो वो उसके शव को साइकिल पर बांध कर ले गये।