शहरी इलाक़ों में 33.9 % मुस्लमान ग़रीब

मंसूबा बंदी कमीशन की तरफ़ से दो शंबा को जारी तख़मीना जात के मुताबिक़ हर तीन हिंदूस्तानियों में एक हिंदूस्तानी ग़रीब है। ताज़ा तरीन आदाद-ओ-शुमार ने इन्किशाफ़ किया है कि 2004-05 में रिकार्ड कर्दा ग़रीबी के तनासुब 37.2 फ़ीसद में 2009-10 के दौरान 29.8 फ़ीसद तक कमी हुई है।

इस तरह 2004-05 के दौरान मुल्क में ग़रीबों की तादाद 40.72 करोड़ थी जो 2009-10 के दौरान 34.47 करोड़ तक घट गई, लेकिन मंसूबा बंद कमीशन के आदाद से ये अफ़सोसनाक इन्केशाफ़ भी हुआ। तख़मीना के मुताबिक़ शहरी इलाक़ों में 33.9 फ़ीसद मुस्लमान हैं, जो ग़रीबी का आला तरीन तनासुब है।

इसके बरख़िलाफ़ शहरी इलाक़ों में ईसाईयों की हालत बेहतर है और उन में ग़रीबी का तनासुब सिर्फ़ 12.9 फ़ीसद है। इसी तरह देही इलाक़ों में सिखों में ग़रीब का तनासुब सबसे कम यानी सिर्फ 11.9 फ़ीसद ( %)है। मंसूबा बंदी कमीशन के तख़मीना के मुताबिक़ गुज़श्ता 5 साल के दौरान शहरी इलाक़ों के मुक़ाबले देही इलाक़ों में ग़ुर्बत की सतह में तेज़ रफ़्तार कमी वाक़्य हुई है।