शहरी इलाक़ों में फ़ौजी इदारों और तंसीबात की मौजूदगी के सबब अवाम को पेश आने वाली दुशवारीयों को देखते हुए तेलंगाना हुकूमत ने फ़ौजी तंसीबात और उन के इदारों की आबादी से मुंतक़ली के लिए मर्कज़ से नुमाइंदगी का फ़ैसला किया है। तेलंगाना हुकूमत मर्कज़ी वज़ारते दिफ़ा से इस सिलसिले में ना सिर्फ़ नुमाइंदगी की तैयारी कर रही है बल्कि रंगा रेड्डी में मौज़ूं अराज़ी की निशानदेही भी करेगी जहां फ़ौजी तंसीबात को मुंतक़िल किया जा सकता है।
हालिया अर्सा में गोलकुंडा, मेह्दी पट्नम और सिकंदराबाद में वाक़े फ़ौजी इदाराजात और तंसीबात के सबब अवाम और फ़ौज के दरमयान मुख़्तलिफ़ उमूर पर तनाज़आत पैदा हुए हैं। सिकंदराबाद कंटोनमेंट में फ़ौज की जानिब से कई अहम रास्तों की नाका बंदी करदी गई जिस के सबब अतराफ़ के रिहायशी इलाक़ों की आबादी को मुश्किलात पेश आ रही हैं।
इस मसअले पर अगर्चे हाईकोर्ट ने भी मुदाख़िलत की फिर भी रास्ता की बहाली का मसला जूं का तूं बरक़रार है। जिस वक़्त ये दिफ़ाई इदारे क़ायम किए गए थे उस वक़्त मौजूदा इलाक़े मज़ाफ़ाती हुदूद में तसव्वुर किए जाते थे लेकिन आज दिफ़ाई इदारे ग़नजान आबादीयों के दरमयान आ चुके हैं जिस के सबब सेक्यूरिटी और राज़दारी की बुनियाद पर फ़ौज की जानिब से आबादीयों पर मुख़्तलिफ़ तहदीदात आइद की जा रही हैं।
किसी भी रियासत में इस तरह के अहम और हस्सास इदारे शहर के मुज़ाफ़ात में क़ायम हैं। इसी दौरान एक आला ओहदेदार ने बताया कि रियास्ती हुकूमत की नुमाइंदगी की कामयाबी मर्कज़ी वज़ारते दिफ़ा के रद्दे अमल पर मुनहसिर है ताहम हुकूमत मर्कज़ को दुशवारीयों के बारे में क़ाइल करने की हर मुम्किन कोशिश करेगी।