शहर के गरीबों के फ्लैट का ख़्वाब चूर

जमशेदपुर 22 अप्रैल : मरकजी हुकूमत ने शहर के स्लमों में रहनेवाले गरीबों को फ्लैट देने की मंसूबाबंदी बनायी थी और इसके नफ़ाज की जिम्मेदारी रियासतों को दी.

इसके तहत जमशेदपुर में भी गरीबों को फ्लैट फराहम कराने के लिए मर्कज ने 3.13 करोड़ रुपये तक़सीम कर दिये, लेकिन जिले के अफसरान इस रक़म का इस्तेमाल नहीं कर सके। गरीबों का फ्लैट नहीं बन सका और बेलाखिर मर्क़ज़ी हुकूमत ने रक़म वापस ले लिये। मरकजी हुकूमत के हुक्म के बाद शहर की तरक्की के महक्मा के सेक्रेटरी डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने जमशेदपुर अक्षेस के खुसूसी ओहदेदारान आरएन द्विवेदी से इस सिलसिले में वज़ाहत मांगा है।

रांची, धनबाद में हुआ काम
15 फरवरी को मरकजी वज़ारत ने मरकज़ स्पांसर मंसूबों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से जायज़ा की थी। इसमें यह बात सामने आयी कि रांची, धनबाद और जमशेदपुर में बीएसयूपी की मंजूरी फराहम की गयी थी, जिसमें रांची व धनबाद में तरक्की पर में है, लेकिन जमशेदपुर में जमीन नहीं मिलने के वज़ह काम शुरू नहीं हो पाया।

फायदा उठानेवाली बस्तियां
बाबूडीह ग्वाला बस्ती 40
लकड़ी टाल बाउरी बस्ती 21
मछुआ बस्ती 70
महानंद बस्ती 151
बीर बिरसा गढ़ 61
रामाधीन बागान 72
झगड़ू बागान 183
आजाद बस्ती 120
मुसलिम बस्ती 101
लक्ष्मी नगर ….

कहां-कहां बनने थे फ्लैट
बेसिक सर्विस अरबन पीपुल (बीएसयूपी) के तहत शहर के 17 स्लमों से झोपड़पट्टी हटा कर वहां फ्लैट बना कर गरीबों को देना था।वहां सड़क, बिजली, पानी, बच्चों के लिए खेल मैदान की भी इंतेज़ाम की जानी थी।

जमशेदपुर अक्षेस ने बस्तीवासियों से इसके लिए जमीन देने को कहा, लेकिन लोग जमीन देने को तैयार नहीं हुए। बाद में सरकारी अतिक्रमित जमीन खाली करा कर मंसूबा शुरू करने की सिफारिश की गयी, लेकिन इन्तेज़ामिया वह भी नहीं करा सका। आख़िरकार मंसूबा मंसूख हो गयी। पहले मरहले में आदित्यपुर में चार व जुगसलाई में फ्लैट बनने थे।