शहर में आदमखोर कुत्तों का दहशत बढ़ता ही जा रहा है। इनके दहशत से सहमे मुहल्लेवासी हाथों में लाठी-डंडे लेकर आवारा कुत्तों को मार रहे हैं। एक तालिबे इल्म की मौत के बाद से अब तक दर्जन भर आवारा कुत्तों को लोगों ने मार दिया है। दिन-पर- दिन बढ़ते दहशत से शहर के लोग परेशान हैं। सबसे ज़्यादा बच्चों की जान के लिए आवारा कुत्ते खतरा बन गये हैं। जिला तालीम महकमा के कैंपस में ही जुमे की रात आवारा कुत्तों ने मांझा थाने के मधु सरेया के रहने वाले अच्छेलाल के बेटा छोटू कुमार को मौत की नींद सुला दी थी। तब से मुहल्ले के लोगों में बच्चों की हिफाजत को लेकर आदमखोर कुत्तों से दहशत है।
सदर अस्पताल में नहीं मिल रही दवा
आवारा कुत्तों के काटने के बाद सदर अस्पताल में मुतासीर लोगों को एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं मिल रहा है। लोगों को प्राइवेट दुकानों से महंगे दाम पर दवा खरीदनी पड़ रही है। कुत्तों के बढ़ते दहशत और सरकारी अस्पतालों में दवा नहीं मिलने से लोगों में गुस्सा है। अस्पताल के इमरजेंसी रूम में एंटी रैबीज नहीं है।